कोरोना महामारी के मद्देनजर राजधानी लखनऊ के मेडिकल कॉलेजों में शीघ्र ही आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़कर 1000 हो जाएगी। चिकित्सा शिक्षा अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे ने बताया कि इसके लिए विशेषज्ञों की व्यवस्था की जा चुकी है, जबकि उपकरणों आदि की आपूर्ति तीव्र गति से की जा रही है।
एमडी एवं डीएम पासआउट लगभग 250 विशेषज्ञों को कोविड-19 के दृष्टिगत सीनियर/जूनियर रेजीडेण्ट के रूप में अनिवार्य रूप से एक वर्ष के लिए क्लीनिकल विभागो में लगाया गया है, जिससे विस्तारीकरण में सहूलियत होगी। इससे पूरे प्रदेश के गम्भीर रोगियों को त्वरित एवं उत्कृष्ट उपचार की सुविधा जारी रखी जा सकेगी। डा. दुबे ने बताया कि पिछले 10 दिनों में लखनऊ जिले में 174 आईसीयू बेड बढ़ाए गए हैं।
इनमें केजीएमयू में 100 से बढ़ाकर 168 आईसीयू बेड, एसजीपीजीआई में 100 से बढ़ाकर 186 आईसीयू बेड तथा डा0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 40 से बढ़ाकर 60 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि राजधानी के तीन प्राइवेट मेडिकल कालेज एरा, इन्टीग्रल व टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में 230 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं।
इस प्रकार से बाराबंकी स्थित हिन्द मेडिकल कालेज को बैकअप के रूप में रखा गया है जिसमें वर्तमान में 60 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। इस प्रकार लखनऊ के विभिन्न मेडिकल कालेजों एवं सस्थानों में वर्तमान में 704 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि लखनऊ में विभिन्न मेडिकल कालेजों एवं संस्थानों में उपलब्ध आईसीयू बेड्स की संख्या में साप्ताहिक वृद्धि करते हुए तीन सप्ताह में 1000 आईसीयू बेड उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शैय्या की संख्या को बढ़ाते हुए केजीएमयू में 300, एसजीपीजीआई में 250 व आरएमएल में 90 आईसीयू बेड शीघ्र उपलब्ध हो जाएंगे। वहीं एरा, इंटीग्रल व टीएस मिश्रा मेडिकल कालेज में आईसीयू बेडों को बढ़ाकर 270 बेड किए जाएंगे, जबकि हिन्द मेडिकल कालेज व लोकबन्धु चिकित्सालय में उपलब्ध आईसीयू बेड को बढ़ाकर 100 बेड किया गया है।
उन्होंने बताया कि अतिरिक्त आईसीयू शैय्या के लिए हाई फ्लो नेजल आक्सीजन तथा वेण्टीलेटर के साथ-साथ डायलिसिस मशीनें एवं जांच प्रयोगशालाओं की भी व्यवस्था की गई है।