तार-तार इंसानियत
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:जिला अस्पताल में धरना-प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस ने बर्बरता के साथ लाठियां बरसाईं। इसका एक वीडियो वायरल हुआ तो इंसानियत तार-तार हो गई और पुलिस की हैवानियत सामने आ गई। अस्पताल के बाहर इंस्पेक्टर एक युवक पर लाठियां बरसाते रहे और वह गोद में रो रहे बच्चे का हवाला देकर छोड़ने की गुहार लगाता रहा। वीडियो वायरल होने पर पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में घटना आई। एडीजी कानपुर जोन भानु भाष्कर ने जिला अस्पताल के बाहर हुए मामले में जांच के आदेश दिए हैं, वहीं एएसपी घनश्याम चौरसिया ने वायरल वीडियो काे संज्ञान लेकर कार्रवाई की बात कही है।
जिला अस्पताल परिसर में मेडिकल कालेज भवन निर्माण चल रहा। निर्माण सामग्री लाने वाले डंपर तेजी से आवागमन करते हैं। इससे उड़ने वाली धूल और सड़क के टूटने से पूरे दिन अस्पताल के कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला तो गुरुवार की दोपहर कर्मचारियों का गुस्सा फूट गया। कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला की अगुवाई में ओपीडी को बंद करा डाक्टरों को बाहर कर दिया और गेट पर ताला लगाकर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। अस्पताल में ओपीडी बंद होने से मरीज भटकने लगे। स्वास्थ्य अफसरों की जानकारी पर सीओ अकबरपुर अरुण कुमार, एसडीएम वागीश शुक्ला व अकबरपुर थाने का पुलिस बल पहुंचा। सिपाहियों ने कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला को पकडऩे की कोशिश की तो दूसरे कर्मचारी उसे छुड़ाने में जुट गए। इस पर पुलिस ने बल का प्रयोग किया और लाठियां चटकानी शुरू कर दीं।