2 हजार जूनियर रेजिडेंट हड़ताल पर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:NEET-PG की फंसी काउंसिलिंग का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ता नजर आ रहा है। इस देशव्यापी हड़ताल में उत्तर प्रदेश के भी 2 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स OPD से दूरी बना चुके है। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में आज हड़ताल का दूसरा दिन है। इस हड़ताल के कारण मरीजों और तीमारदारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन इसे सिर्फ सांकेतिक धरना करार देते हुए इमरजेंसी के मरीजों समेत सभी जरुरतमंदों को इलाज मुहैया कराने का दावा कर रहा है।
बिना जूनियर रेजिडेंट के KGMU में चरमराई OPD
दरअसल, NEET-PG की काउंसिलिंग फंसी है, यही कारण है कि देशभर के जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं। इस बीच रेजीडेन्ट डॉक्टर्स ने कार्य बहिष्कार कर जल्द काउंसिलिंग शेड्यूल जारी करने की मांग की है। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर होने के कारण KGMU में भर्ती मरीजों और ओपीडी में दिखाने के लिए आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
साथ ही जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के सांकेतिक हड़ताल में शामिल होने के कारण ओपीडी में सीनियर डॉक्टरों को मरीजों को अटेंड करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर से लेकर वार्डों में भी जूनियर डॉक्टर्स के न होने के कारण व्यवस्थाएं चरमराई दिख रही है।
उत्तर प्रदेश रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार ने बताया कि प्रदेश भर के करीब 2 हजार से ज्यादा जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर सांकेतिक हड़ताल कर रहे हैं। हमारी मांग है कि काउंसिलिंग तत्काल शुरू हो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि गुरुवार तक इस समस्या का हल निकाल लेंगे। हम मरीजों के इलाज के लिए भी संवेदनशील हैं, यही कारण है कि इमरजेंसी सेवाओं को बाधित नही किया गया है। यदि धरना प्रदर्शन के दौरान कोई मरीज आता है, तब भी डॉक्टर उसे देख रहे हैं। यदि शनिवार तक हमारी मांगें नही मानी जाएंगी, तो सीनियर रेजिडेंट भी इस हड़ताल में शामिल होंगे और हमें अन्य चिकित्सा सेवाओं को भी बाधित करना पड़ेगा।