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सतीश द्विवेदी बोले- न कोई सरकारी आदेश न शासनादेश, कुछ लोगों का काम सिर्फ विरोध करना

उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी के शुरूआती पांच साल संविदा पर नौकरी की नीति को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने सरकार की तरफ से सफाई दी। कहा कि, अखबारों ने एक रिपोर्ट छापी है। उनका एक अनुमान है। सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। न ही कोई शासनादेश जारी किया गया है। इससे अधिक क्या कहें? उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना है।

गृह मंत्रालय के निर्देश पर ही खुलेंगे स्कूल

शिक्षा राज्य मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी शुक्रवार को इटावा में एमएलसी चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे थे। उन्होंने सिंचाई विभाग में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक एवं कार्यकर्ताओं के साथ एमएलसी चुनाव की रणनीति तैयार की। कोरोना संकट काल में स्कूलों के खोले जाने को लेकर सतीश द्विवेदी ने कहा कि, केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से निर्देश आएगा स्कूल तभी खोले जाएंगे। हमारी तरफ से तैयारी पूरी हो चुकी है। बच्चों को मिड-डे-मील का खाद्यान्न घर-घर वितरित किया जा रहा है। पुस्तकें वितरित की जा चुकी है। स्वेटर का कार्य भी पूरा होने वाला है।

सर्वोच्च अदालत के निर्णय के बाद होगी 69 हजार शिक्षक भर्ती

मंत्री ने कहा कि, बच्चों की यूनिफॉर्म को लेकर कोई गलतफहमी नहीं है। कपड़े के बारे में सामान्य निर्देश हैं। रोजगार देने के लिए प्रवासी मजदूर हूं कि जो महिलाएं हैं एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से यूनिफॉर्म सिलाई जाए। इसके लिए विभागीय कोई भी हस्तक्षेप नहीं है। अन्य किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए विभागीय समीक्षा करने के बाद तय करेंगे। 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला पेंडिंग नहीं है। कोर्ट का निर्णय सुरक्षित है। लॉकडाउन से पहले हम पूरी तरह से आगे बढ़ रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद स्थितियों के कारण भर्ती रुक गई है। फैसला सर्वोच्च न्यायालय का आएगा उस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

प्राइवेट स्कूल फीस के लिए बनाएंगे दबाव

मंत्री ने कहा कि, निजी स्कूल के लिए सरकार के लिए पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। कोई बस की फीस नहीं लेगा, स्कूलों की बढ़ने वाली फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। तीन-तीन महीने की फीस नहीं ली जाएगी। जो अभिभावक फीस देने की स्थिति में नहीं है उनसे फीस नहीं ली जाएगी। किसी प्रकार का कोई भी प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाएगा। यदि कोई निजी स्कूल नहीं मानेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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