उत्तर प्रदेशराज्य

पुरुषों के मुकाबले महिला वोटरों का अनुपात घटा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में महिला वोटरों को अधिक से अधिक जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसकी काफी अहम वजह भी हैं। कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पुरुष के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या कम होती जा रही है, जो चिंता का विषय है। इसी को देखते हुए मतदाता सूची में लिंग अनुपात दुरुस्त करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। राजधानी में नौ विधानसभा सीटें हैं, जहां पर कहीं पर भी आयोग के मानकों के अनुसार महिला वोटर नहीं हैं। हालांकि, लखनऊ पूर्वी और मोहनलालगंज सीट पर आंकड़े बेहद उत्साहवर्धक हैं। मोहनलालनगंज में तो निर्धारित मानक से केवल एक महिला वोटर कम है।

कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पुरुष के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या कम होती जा रही है
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में महिला वोटरों को अधिक से अधिक जोड़ने के निर्देश दिए हैं। 

अगर प्रति एक हजार पुरुषों पर महिला वोटरों की बात करें तो लखनऊ पश्चिम सीट ऐसी है जहां पर सबसे कम महिला वोटर हैं। यहां पर प्रति एक हजार पुरुषों पर 854 महिला वोटर हैं। सरोजीनगर विधानसभा का भी यही हाल है। यहां पर भी प्रति एक हजार पुरुष मतदाताओं पर साढ़े आठ सौ के करीब ही महिला वोटर हैं। आयोग का मानक है कि प्रति हजार पुरुष वोटरों पर न्यूनतम 906 महिला वोटर होनी चाहिए। लखनऊ की सभी विधानसभा सीटों की बात करें तो यहां मलिहाबाद में 862, बख्शी का तालाब में 872, सरोजनीनगर में 854, पश्चिम में 854, उत्तर में 860, पूर्वी में 896, मध्य में 882, कैंट में 862 और मोहनलालगंज में 905 महिला वोटर हैं। इस तरह अगर जिले में लिंग अनुपात की बात करें तो औसतन प्रति एक हजार पुरुष वोटर पर महिला वोटर 871 के करीब हैं।

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