उत्तर प्रदेशराज्य

दो दिन के अंदर नगर आयुक्त का फैसला बदला

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ में पार्षदों के कोटे के 20 लाख रुपए से सड़कों के गड्ढे भरने का फैसला दो दिन के अंदर बदल दिया गया है। पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के पार्षदों के विरोध के बाद शुक्रवार को मेयर संयुक्ता भाटिया ने एक बैठक बुलाई। इसमें तय हुआ कि इस फैसले को बदला जाएगा। हर वार्ड के लिए संबंधित पार्षद से अनुमति मांगी जाएगी। सहमति होने के बाद ही उनके कोटे के 20 लाख रुपए काटे जाएंगे।

अब पार्षदों की अनुमति के बिना उनके कोटे से नहीं लिए जा सकेंगे 20 लाख रुपए, सड़कों के गड्ढे भरने के लिए दिया था आदेश

इसके अलावा नगर आयुक्त की तरफ से एक अनुरोध पत्र पार्षदों के लिए जारी किया जाएगा, जिसमें पार्षदों से सहमति पत्र प्राप्त होने पर सड़कों पर गड्ढा मुक्ति एवं पैच वर्क निर्माण के कार्य किए जाएंगे। दो दिन पहले ही नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने यह आदेश जारी कर दिया था। इस पर सपा, बसपा, कांग्रेस और यहां तक की बीजेपी से जुड़े पार्षदों ने भी विरोध शुरू कर दिया था।

करोड़ों रुपए पर पार्षदों का हस्तक्षेप खत्म हो जाता

इस फैसले के बाद 110 वार्ड के पार्षद अपने हिसाब से काम नहीं करा सकते थे। सभी वार्ड से 20-20 लाख रुपए काटने का मतलब था कि करोड़ों रुपए कहां खर्च होंगे, यह तय करने का अधिकार केवल नगर आयुक्त और इंजीनियरों के पास ही होता। इस वजह के चलते ही नगर आयुक्त के फैसले का पार्षदों ने जोरदार विरोध किया।

पार्षदों की दलील थी कि वार्ड में कहां कितना काम होना है, यह उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता है। ऐसे में अगर 20 लाख रुपए खर्च भी होते हैं तो यह उनकी जानकारी और अनुमति के साथ होने चाहिए। इनका यह भी कहना था कि एक साल बाद ही चुनाव है। ऐसे में वार्ड की गलियों में काम कराना ज्यादा जरूरी है।

Related Articles

Back to top button