रेलवे अस्पतालों में बाहरी भी करा सकेंगे इलाज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :रेलवे के अस्पतालों में कर्मियों और उनके स्वजन के अलावा बाहर के लोग भी अपना इलाज करा सकेंगे। अस्पताल पूरी तरह डिजिटल तो होंगे ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर तैयार होंगे। यानी, अस्पतालों का समग्र विकास होगा।
पूरी तरह डिजिटल और पीपीपी माडल पर विकसित होंगे रेलवे के अस्पताल
गोरखपुर सहित देश के 40 स्टेशनों के बाद हास्पिटल और स्कूलों को भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के हाथों में देने की योजना तैयार होने लगी है। हास्पिटल ही नहीं रेलवे के स्कूल भी पीपीपी माडल पर विकसित होंगे। अगर कोई पार्टनरशिप नहीं मिला तो स्कूलों को केंद्र या राज्य सरकार के विद्यालयों से संबद्ध कर दिए जाएंगे। अभी तक रेलवे के विद्यालयों में बाहरी लोगों के बच्चों के लिए कोटा निर्धारित था, नई व्यवस्था रेलवे कर्मचारियों के लिए कोटा निर्धारित होगा।
रेलवे के स्कूलों को भी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के हाथों देने की है योजना
जानकारों के अनुसार स्टेशन, स्कूल और अस्पतालों के विकास के साथ संबद्ध संगठनों को आपस में समाहित करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता शुरू से ही रेलवे बोर्ड पर कार्मिक विभाग को खत्म करने, उत्पादन इकाइयों को मिलाकर प्रोडक्शन यूनिट बनाने तथा यांत्रिक, विद्युत विभाग को आपस में विलय करने तथा स्टेशनों, ट्रेनों, कालोनियों और खाली भूमि को निजी हाथों में सौंपकर रेलवे के अस्तित्व को समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं। अब आरवीएनएल को इरकान में तथा क्रिस और रेलटेल को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन से संबद्ध करने की योजना भी बनने लगी है।