उत्तर प्रदेशलखनऊ

गड्ढा मुक्ति अभियान या दम तोड़ती यूपी की सड़क की रिपोर्ट

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी की सड़कों से गुजरना जानलेवा हो गया है। लखनऊ में सड़कें धंस गई हैं। कानपुर में सड़क पर गिटि्टयां उखड़ रही हैं। वाराणसी में तो गड्‌ढे गिनना मुश्किल है। गोरखपुर में भी सड़कें उधड़ी पड़ी हैं। प्रयागराज में जहां हफ्ते भर पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन के दौरान सड़कों की मरम्मत की गई थी, यहां भी गड्ड्‌ढे आकार ले चुके हैं। आम आदमी को जितनी पीड़ा इन सड़कों से हैं, उतनी ही सड़कों को है। हर साल बनती हैं, फिर उखड़ जाती हैं। इस बार इन सड़कों को सरकार से ज्यादा उम्मीद है। हो भी क्यों न.. चुनाव आने वाले हैं। सरकार ने भी प्रदेश की 63 हजार किलोमीटर सड़कों को गड्‌ढा मुक्त बनाने के लिए 243 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।

                                    प्रदेश में 7 माह में 12 हजार से ज्यादा मौतें

लखनऊ… सबसे व्यस्त 22 किलोमीटर के शहीद पथ पर 500 से ज्यादा गड्‌ढे
राजधानी लखनऊ में वैसे तो छोटी – बड़ी 2000 से ज्यादा सड़कें हैं। इसमें करीब 500 सड़क खराब है। इन्हें मरम्मत की दरकार है। बारिश में उधड़ी हुई सड़कों ने हमारे इंजीनियर्स की काबिलियत भी उजागर कर दी है। शहर की सबसे ज्यादा चलने वाली शहीद पथ रोड जिसकी लंबाई 22 किलोमीटर से ज्यादा है। उस पर मौजूदा समय छोटे- बड़े मिलाकर 500 से ज्यादा गड्‌ढे हैं। शहीद पथ की सर्विस रोड ऐसी धंसी है कि देखकर डर लगने लगता है।

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