राजनीति के केंद्र में रामनगरी
स्वतंत्रेश,लखनऊ:रामलला के हक में नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम फैसला आने के साथ मंदिर आंदोलन की जरूरत नहीं रह गई। इसके बावजूद रामनगरी राजनीति के केंद्र में है। राजनीतिज्ञ रामनगरी की ओर लगभग वैसी ही व्यग्रता से उन्मुख हैं, जैसे 1989 से 92 के दौरान मंदिर आंदोलन के उभार के दिनों में थे। इनमें भाजपा तो है ही। बसपा, सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ओवैसी की एआइएमआइएम एवं राष्ट्रव्यापी जनता पार्टी जैसी पार्टियां भी शामिल हैं।
मार्च 2017 में शपथ ग्रहण करने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साढ़े चार वर्ष की अवधि में 27 बार अयोध्या आ चुके हैं। गत वर्ष 25 मार्च को यदि मुख्यमंत्री ने रामलला के विग्रह को अपने हाथों से उठा कर वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किया, तो गत वर्ष ही पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया।