उत्तर प्रदेशराज्य

अवैध निर्माणों की होगी 3-D मैपिंग

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ विकास प्राधिकरणद्वारा अवैध निर्माण/कालोनी में हो रहे बदलाव पर शिकंजा कसने जा रहा है। चेंज डिटेक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर मानिटरिंग के लिए रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर के माध्यम से शहर की मैपिंग कराई जाएगी। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बुधवार को रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। वैज्ञानिकों ने विभाग द्वारा गाजियाबाद जनपद में किए गए सेटेलाइट सर्वे और मैपिंग की कार्यवाही का प्रजेंटेशन दिया। उपाध्यक्ष ने इस व्यवस्था को तकनीकी रूप से और मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं।

    लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बुधवार को रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की।

उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि अवैध निर्माणों को प्रभावी रूप से रोकने के लिए शहर की डिजिटल मैपिंग कराना अति आवश्यक है। इसके लिए रिमोट सेंसिंग विभाग को पूरी कार्य योजना का प्रस्ताव बनाकर देने को कहा गया है। बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने कहा कि प्राधिकरण का क्षेत्रफल लगभग 1,050 स्क्वायर किलोमीटर है। उन्होंने हर महीने इस पूरे क्षेत्र की सैटेलाइट इमेज का डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं, ताकि शहर में होने वाले हर वैध/अवैध निर्माणों की निगरानी की जा सके। उन्होंने रिमोट सेंसिंग विभाग के अधिकारियों से मैप पर अवैध निर्माणों और कालोनियों की मार्किंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट व्यू, ड्रोन सर्वे और गूगल मैप के माध्यम से छह से सात लेयर में मैपिंग की जाए, जिससे कि भूखंड, क्षेत्रफल, निर्माण का क्षेत्रफल और लैड-यूज का भी पता चल सके। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को ऐसा बनाया जाए, जिससे कि किसी भी तरह के अवैध निर्माण की लैटिट्यूड-लागिट्यूड स्तर पर मोबाइल लोकेशन मिल जाए। भविष्य में यह सारा डाटा पोर्टल से लिंकअप किया जा सके। बैठक के अन्त में उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण के मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल को जी.आई.एस. मैपिंग, शासन स्तर और प्राधिकरण स्तर से इस मद में कराई जा रही कार्यवाहियों का परीक्षण कराने के निर्देश दिए।

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