उत्तर प्रदेशराज्य

रिश्वतखोरी पर इंस्पेक्टर और दरोगा भिड़े

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी लखनऊ में थप्पड़बाज लड़की के मामले में ओला कैब ड्राइवर से घूस लेने में कृष्णानगर कोतवाली के दो पुलिस अफसर आपस में भिड़ गए हैं। दोनों ने घूसखोरी और पूरे मामले में एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर महेश दुबे ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में भोलाखेड़ा के चौकी इंचार्ज हरेंद्र यादव ने कैब ड्राइवर से गाड़ी छोड़ने की एवज में रुपए लिए थे। इसकी रिपोर्ट भी कमिश्नर को सौंपी जा चुकी है। वहीं, चौकी इंचार्ज ने इंस्पेक्टर को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। कहा कि वह खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।

लखनऊ में बीच सड़क एक लड़की ने कैब ड्राइवर को पीटा था। इसी ड्राइवर से पुलिस ने 10 हजार रुपए की घूस ली थी।

कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे का कहना है कि 30 जुलाई की घटना वाली रात ईको गार्डन धरनास्थल पर ड्यूटी कर रहे थे। ACP साहब की कॉल आई कि कोई ब्लैक एसयूवी कार कोतवाली में खड़ी की गई है। गाड़ी पर मजिस्ट्रेट लिखा है। कार एटा एसडीएम की है। जफर नाम का आदमी पहुंच रहा है। उसे गाड़ी दे दो। चूंकि वह कोतवाली में नहीं थे। इसलिए भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव को फोन करके गाड़ी छोड़ने को कहा। बाद में कोतवाली आने पर पता चला कि पीड़ित सआदत अली की कैब भी आई थी जिसे गेट से छोड़ दिया गया। लेकिन एसयूवी छोड़ने के एवज में हरेंद्र यादव ने रुपए लिए थे।

दरोगा हरेंद्र यादव के मुताबिक, घटनास्थल उनके चौकी क्षेत्र में था। इसलिए वह कैब के साथ चालक सआदत अली और उसकी पिटाई करने वाली लड़की प्रियदर्शिनी नारायण को कोतवाली लाए थे। देर रात सआदत को तलाश करते हुए उसके भाई इनायत और दाऊद एसयूवी से कोतवाली पहुंचे। दोनों को भी कोतवाली में बैठा लिया गया। कैब और एसयूवी को भी कब्जे में ले लिया गया।

देर रात कोतवाल महेश दुबे का फोन आया कि बात हो गई है गाड़ियां छोड़ दो। उनके कहने पर वैगन-आर कैब को मैंने दूसरे दिन सआदत से सुपुर्दगीनामा करवाकर उसके हवाले कर दिया। एसयूवी को कोतवाल के कहने पर एसएसआई तेज प्रताप ने बाकायदा लिखा-पढ़ी करवाकर छोड़ा था। अब कोतवाल खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।

Related Articles

Back to top button