उत्तर प्रदेशराज्य

बीएससी पास डाक्टर कर रहे इलाज- ट्रामा के ड्रामे

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :आज जब ट्रामा सेंटरों की जांच शुरू की तो चौंकाने वाली बाते सामने आयीं। कहीं ओटी में रखे फ्रिज बीयर लगी मिली तो कहीं बीएससी पास युवक डाक्टर बनाकर मरीजों को देख रहे थे। अधिकांश अस्पतालों के पास लाइसेंस नहीं थे और जिन अस्पतालों ने लाइसेंस होने का दावा किया वह कागज प्रस्तुत नहीं कर सके। इलाज के नाम पर मरीजों से लूट करने वाले इन अस्पतालों की प्रशासनिक जांच रिपोर्ट

    प्रशासन की टीमों ने आज जब ट्रामा सेंटरों की जांच शुरू की तो चौंकाने वाली बाते सामने आयीं।

हरदोई रोड

लक्ष्य अस्पताल में नहीं कोई डाक्टर, लाइसेंस भी खत्म: डिप्टी कलेक्टर प्रज्ञा पांडेय और डाक्टर दिलीप भार्गव ने हरदोई रोड पर चार अस्पतालों का निरीक्षण किया। लक्ष्य कैंसर हास्पिटल पहुंची टीम ने पाया कि अस्पताल का लाइसेंस 30 अप्रैल 2021 के बाद नवीनीकरण ही नही हुआ है। इस अस्पताल में 20 बेड की स्वीकृति थी जब कि इसके सापेक्ष जांच में 31 बेड पाए गए। अस्पताल की ओटी और वार्ड में साफ-सफाई संतोषजनक नहीं पाई गई। जांच दल ने अस्पताल के रिकार्ड भी खंगाले, जिसमें पाया गया कि मरीज जमीउर्रहमान जिनकी सात जुलाई को कीमोथेरेपी के लिए फाइल बनी थी, का न तो इलाज हुआ और न ही डिस्चार्ज का समय दर्ज था।

काकोरी हास्पिटल :

यहां न तो डाक्टर मौजूद थे और न ही कोई चिकित्सीय सुविधाएं दिखी। इलाज के नाम पर केवल दो बेड ही पाये गये। अस्पताल में मौजूद स्टॉफ रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई दस्तावेज नही दिखा पाया।

हिंद अस्पताल: कहने को तो हिंद में ट्रामा का बोर्ड लगा है, लेकिन प्रशासनिक टीम को यहां पर भी कोई डाक्टर नहीं मिला।

चंद्रा अस्पताल में तमाम खामियां: डिप्टी कलेक्टर गोविंद मौर्य व डाक्टर आरबी सिंह के नेतृत्व में टीम ने चंद्रा हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां स्टाफ द्वारा एंबुलेंस फिटनेस एवं बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट सर्टिफिकेट नहीं प्रस्तुत किया जा सका

नर्सों के पास डिग्री तक नहीं

अपर नगर मजिस्ट्रेट द्वितीय किंशुक श्रीवास्तव व डाक्टर मिलिंद की टीम मार्डन हास्पिटल मैटरनिटी एंड ट्रामा सेंटर पहुंची तो वहां कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। अस्पताल में आइसीयू बेड की संख्या तीन थी, लेकिन एक्स-रे व आपातकालीन चिकित्सा से संबंधित सुविधाएं नहीं थी।

तुलसी अस्पताल की ओटी में मिली बीयर: तुलसी एंड ट्रामा सेंटर के निरीक्षण में गंभीर खामियां देखने को मिलीं। यहां आइसीयू के चार बेड थे, लेकिन ईएमओ अथवा अन्य चिकित्सक उपस्थित नहीं मिले। अस्पताल के ओटी में रखी फ्रिज में बीयर की कैन मिली। अस्पताल स्टाफ द्वारा बिल पंजिका प्रस्तुत नहीं की जा सकी और इसके लाइसेंस की वैधता भी समाप्त पायी गई।

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