उत्तर प्रदेशराज्य

फर्जी शिक्षिका हुई बेनकाब

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के बलबूते नौकरी पाने का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। एसटीएफ ने जांच की और मामले में शिक्षिका को दोषी पाया।रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपी। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सेवा समाप्ति का आदेश तो जारी कर दिया पर जालसाज शिक्षिका पर विभागीय अधिकारी अभी तक एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नही जुटा पा रहे है।

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों के बलबूते नौकरी पाने का एक और सनसनीखेज मामला आया सामने।

हालांकि भास्कर के सवाल पर लखनऊ के एडी बेसिक पीएन सिंह ने कहां कि दोषी शिक्षिका पर एफआईआर जल्द होगी,खंड शिक्षा अधिकारी को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

प्राथमिक विद्यालय सुबंशीपुर बीकेटी से जुड़ा है मामला

बीते वर्ष बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हथियाने के मामले सामने आए थे।विभाग की भर्ती प्रक्रिया में कई मौके पर घालमेल की बात भी सामने आई।खुद विभागीय मंत्री व मुख्यमंत्री ने नियुक्तियों के प्रमाण पत्रों की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए पर अफसरों का ढुलमुल रवैया जस का तस बरकरार रहा।

प्रदेश के दूर दराज जनपदों में ऐसे मामले प्रकाश में आने बाद ठंडे बस्ते में डाल दिए जाएं तो समझ मे भी आता है पर खुद राजधानी का मामला बावजूद इसके कारवाई में सिर्फ खानापूर्ति यह पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है।

लखनऊ से जुड़े इस मामले का खुलासा एसटीएफ ने किया।जांच में प्राथमिक विद्यालय सुबंशीपुर बीकेटी में तैनात शिक्षिका सीता पाठक की नियुक्ति संबंधी प्रपत्रों की गहन जांच हुई।जिसमें सीता पाठक का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने का मामला पाया गया।जांच में सीता पाठक की ओर से लगाए गए एकेडमिक सर्टिफिकेट्स (ग्रेजुएशन-बीए व बीएड) जाली पाए गए।जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर एसटीएफ ने जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपी।

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