संक्रमण के बीच आया जीका वायरस का खतरा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :केरल में जीका वायरस से संक्रमित मरीज के मिलने के बाद यूपी में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। केरल व उसके आसपास के दक्षिण भारत के राज्यों से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। लक्षण वाले रोगियों की अस्पतालों में जांच की व्यवस्था की जा रही है। किंग जार्ज मेडकिल यूनिवर्सिटी, संजय गांधी पीजीआइ व डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जीका वायरस से संक्रमित रोगियों के इलाज के इंतजाम किए गए हैं। जीका वायरस से बचाव के उपाए बताए जाएं। उन्हें साफ-सफाई के लिए प्रेरित किया जाए।
अभी तक राज्य में कोई रोगी सामने नहीं आया है, लेकिन पर्याप्त सर्तकता बरती जा रही है। जीका वायरस से संक्रमित तमाम लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते। कुछ रोगियों में हल्के लक्षण दिखते हैं। इसमें बुखार के साथ सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों में लालिमा और शरीर पर चकत्ते पड़ना शामिल है। इसके लक्षण दो से सात दिनों तक रहते हैं। हलांकि इस वायरस के संक्रमण से मौत की आशंका कम रहती है। ऐसे में मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने, मच्छरदानी लगाएं, खिड़की व दरवाजों पर जाली लगाएं। इसके अलावा एडीज मच्छर ठहरे हुए पानी में ही प्रजनन करते हैं। इसलिए घर के आसपास कीचड़ का पानी, खुला नाला, पानी जमा करने वाले कंटेनरों को ढक कर रखें और फूलों के बर्तनों में पानी को एकत्रित कतई न होने दें।