उत्तर प्रदेशराज्य

कप्पा वेरिएंट के दो और संक्रमित

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वेरिएंट से संक्रमित दो और रोगी मिले हैं। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की लैब में कोरोना से संक्रमित हुए 109 लोगों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई तो उसमें दो रोगी कप्पा वेरिएंट से संक्रमित मिले। इससे पहले गोरखपुर में एक मामला सामने आ चुका है। उधर, 107 सैंपल में डेल्टा वेरिएंट मिला, जो कोरोना की दूसरी लहर में काफी तबाही मचा चुका है। कोरोना के तीनों वेरिएंट खतरनाक हैं, लेकिन डेल्टा प्लस सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। दूसरे नंबर पर कप्पा वेरिएंट और डेल्टा तीसरे नंबर पर है। कप्पा तेजी से फैलता है और इसके कारण मृत्यु भी ज्यादा होती है।

            यूपी में कोरोना के कप्पा वेरिएंट से संक्रमित दो और रोगी मिले हैं।

उत्तर प्रदेश में कप्पा वेरिएंट के अब तक तीन मामले सामने आ चुके हैं। वहीं गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में इस वेरिएंट से संक्रमित संतकबीरनगर के उत्तरपाती गांव निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग की पिछले महीने जून में मौत भी हो चुकी है। इनके सैंपल की जांच नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (आइजीआइबी) में कराई गई थी और बीते गुरुवार को ही इसकी रिपोर्ट आई थी। अब दूसरे ही दिन दो और नए रोगी सामने आने के बाद सर्तकता और बढ़ा दी गई है। नेपाल की सीमा से सटे जिलों में विशेष अभियान चलाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। फोकस टेस्टिंग के साथ जीनोम सीक्वेंसिंग भी पर्याप्त संख्या में कराई जा रही है।

यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से घट रहा है। शुक्रवार को कोरोना से संक्रमित 90 नए मरीज मिले। 41 जिलों में कोरोना का कोई नया रोगी नहीं मिला। 32 जिलों में संक्रमितों की संख्या इकाई में है और सिर्फ लखनऊ व प्रयागराज में ही 10 से अधिक मरीज मिले हैं। 13 मरीजों की कोरोना से मौत हुई। मौत का आंकड़ा अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। श्रावस्ती संक्रमण से मुक्त हो गया था लेकिन अब फिर यहां नया रोगी सामने आ गया है। पहले महोबा में भी ऐसा ही हुआ था। सिर्फ कासगंज व अलीगढ़ ही इस समय कोरोना मुक्त है। बीते 24 घंटे में 2.52 लाख लोगों की कोरोना जांच की गई। पाजिटिविटी रेट 0.03 प्रतिशत है और रिकवरी रेट 98.6 फीसद है। अब सक्रिय केस घटकर 1,697 रह गए हैं। इस समय 65 जिलों में कोरोना के 50 से कम मरीज रह गए हैं और इसमें से 30 जिलों में 10 से भी कम रोगी हैं।

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