उत्तर प्रदेशराज्य

जीनोम सिक्वेंसिंग में 2 में कप्पा वैरिएंट की पुष्टी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा वैरिएंट के दो मामले सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई जिसमें वायरस के ‘कप्पा’ वैरिएंट की पुष्टि हुई है। हालांकि इस तरह के मामले पहले भी आ चुके हैं। जिनमें इस वैरिएंट की पुष्टी हुई है, उनकी ट्रेवल हिस्ट्री तलाशी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई हाई लेवल मीटिंग बैठक में अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

                                    गोरखपुर में जून में हुई थी पहली मौत

दरअसल पिछले दिनों केजीएमयू  में 109 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई। इसमें संतकबीर नगर जिले के रहने वाले जिस 65 साल के मरीज के सैंपल में यह वेरिएंट मिला था, उसकी जून में मौत हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक 107 नमूनों में कोविड की दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा स्वरूप की ही पुष्टि हुई है, जबकि दो नमूनों में वायरस का कप्पा स्वरूप पाया गया। बयान में कहा गया कि दोनों ही स्वरूप प्रदेश के लिए नए नहीं हैं। वर्तमान में दैनिक संक्रमण दर 0.04 प्रतिशत है।

कप्पा वैरिएंट कोई नया नहीं है, ऐसे मामले पहले भी आ चुके हैं

वायरस के कप्पा वैरिएंट के बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, यह कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इसका इलाज संभव हैं।

कप्पा नया वैरिएंट नहीं है
केजीएमयू के पीआरओ डॉ. सुधीर कुमार का कहना है कप्पा वैरिएंट नया नहीं है। यह पहले से है। इसके लिए किसी खास रणनीति की आवश्यकता नहीं है। इसके इलाज और बचाव के उपाय भी अलग नहीं हैं।

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