उत्तर प्रदेशराज्य

ढाई माह बाद शव का अंतिम संस्कार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ: राज्य मानवाधिकार आयोग ने मेरठ के मेडिकल कालेज में एक व्यक्ति की मृत्यु के करीब ढाई माह बाद उसके शव का अंतिम संस्कार कराए जाने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह ने डीएम मेरठ को नोटिस देकर इस मामले में चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। बस्ती के निवासी नरेश के कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। 15 अप्रैल को नरेश की मृत्यु हो गई थी। आरोप है कि मेडिकल कालेज के कर्मचारियों ने 15 हजार रुपये का भुगतान न करने पर परिवारीजन को नरेश का शव देने से इंकार कर दिया था। रुपये न होने की वजह से नरेश की पत्नी बच्चों को लेकर घर लौट गई थीं।

आयोग ने डीएम मेरठ को नोटिस देकर इस मामले में चार सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की है।

कोरोना केस बढऩे पर डीएम प्रयागराज से मांगा जवाब: राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रयागराज में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने डीएम प्रयागराज से जवाब तलब किया है। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के जरिये इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सूबे में कोरोना के सबसे ज्यादा सक्रिय केसों की संख्या प्रयागराज में हो गई है। यह लोगों की लापरवाही व स्थानीय प्रशासन की सुस्ती की नतीजा है।

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