मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना न होने का रोना
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ : इंदिरानगर निवासी छोटेलाल चौरसिया की मौत कोरोना से हुई थी। उनका इलाज किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में चल रहा था। केजीएमयू की तरफ से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से उनकी मौत का जिक्र है, लेकिन सरकारी तौर पर अधिकृत माने जाने वाले जन्म-मृत्यु पंजीकरण महा रजिस्ट्रार के मृत्यु प्रमाण पत्र को जब केजीएमयू ने जारी किया तो मौत के कारण का कॉलम ही नहीं था।

नगर निगम कर्मचारी कैसर रजा की पत्नी इशरत रिजवी की मौत भी कोरोना से हुई थी। एरा अस्पताल से मिले मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना संक्रमण लिखा था, लेकिन जब नगर निगम से जन्म-मृत्यु पंजीकरण महा रजिस्ट्रार का प्रमाण पत्र बनवाया तो उसमें मौत के कारण का उल्लेख ही नहीं था।
लोगों को हो रही समस्याः ऐसे में दो अलग-अलग प्रमाण पत्र हैं। कानूनी मान्यता जन्म-मृत्यु पंजीकरण महा रजिस्ट्रार की तरफ से जारी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र को ही मिली है। पहले यह प्रमाण पत्र नगर निगम की तरफ से जारी होता था, लेकिन बाद में सरकारी चिकित्सालयों के अधीक्षकों को भी जन्म-मृत्यु पंजीकरण रजिस्ट्रार का अधिकार दे दिया गया था। लिहाजा, अब मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के साथ ही इन चिकित्सालयों से भी जारी हो रहे हैं।