बीमा कंपनियां भी संवेदनशील
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के बाद देश में खराब हो गए हालात के बीच में बीमा कंपनियों ने बेहद संवेदनशील कदम उठाया है। कोरोना वायरस संक्रमण से किसी की भी मौत के बाद उनके परिवार को क्लेम प्राप्त करने के लिए काजग एकत्र करने के लिए अधिक दौड़-भाग नहीं करनी पड़ेगी। सिर्फ अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल की पर्ची से भी बीमा का क्लेम मिल जाएगा।
आपदा के दौर में बीमा कंपनियों ने अपने सख्त नियमों में बदलाव कर बीमाधारकों को बड़ी राहत दी है। अब कोरोना य किसी भी दशा में हुई आकस्मिक मौत पर बीमा क्लेम के लिए रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र विभाग/ अधिकृत कार्यालय की ओर से जारी होने वाले प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सरकारी, ईएसआई, सैनिक व कार्पोरेट अस्पताल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र भी स्वीकार्य दस्तावेज होगा
भारतीय जीवन बीमा निगम ने कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान प्रभावित परिवारों के लिए बेहद संवेदनशील कदम आगे बढ़ाया है। अब किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके घर के लोगों को क्लेम लेने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इसका लाभ उनको केवल अस्पताल और श्मशान घाट की पर्ची से ही मिल जाएगा। यानी अस्पताल से मिला डेथ सर्टिफिटकेट या फिर अंत्येष्टि स्थल से मिली पर्ची को दिखाकर ही क्लेम लिया जा सकेगा।
बीमा कंपनियों ने हालात को देखते हुए अब अस्तपाल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र य शमशान घाट की ओर से जारी होने वाले प्रमाणपत्र मात्र से बीमा क्लेम देने का निर्णय लिया है, ताकि आपदा की इस घड़ी में बीमाधारक को क्लेम के लिए बीमा संस्थान व एजेंट का चक्कर न काटना पड़े। इसकी पहल भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने कर दी है।
एलआइसी पॉलिसीधारक के साथ
लखनऊ में एलआइसी के वरिष्ठ डिविजनल मैनेजर एमसी जोशी ने बताया कि एलआईसी आपदा की घड़ी में अपने पॉलिसी धारक के साथ खड़ा है। कोरोना पीडि़त परिवार को तत्काल राहत मिल सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अंत्येष्टि स्थल पर मिली पर्ची मान्य
अंत्येष्टि स्थल पर मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर नगर निगम या नगर पालिका अथवा संस्था से एक रसीद दी जाती है, जिसमें संबंधित व्यक्ति की मृत्यु का कारण लिखा जाता है।