उत्तर प्रदेशराज्य

पांच माह की गर्भवती आशिका को लगा पहला टीका

 स्वतंत्रदेश,,लखनऊ :कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए गर्भवतियों के टीकाकरण पर भी जोर दिया जा रहा। हालांकि, टीकाकरण के लिए प्रसूताएं अभी उतना आगे नहीं आ रहीं, पर शहर के विशेषकर महिला अस्पतालों में उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। झलकारी बाई महिला अस्पताल में कैंट रोड निवासी पांच माह की गर्भवती आशिका को पहला टीका लगाया गया। झलकारी बाई महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डा रंजना खरे बताती हैं, गर्भवतियों के लिए वॉक इन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है। जो भी गर्भवती टीका लगवाना चाहती हैं, वह अस्तपाल आ सकती हैं।

 

 

        कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए गर्भवतियों के टीकाकरण पर भी जोर दिया जा रहा।

मौके पर ही जांच, रजिस्ट्रेशन और उसके बाद टीकाकरण किया जाएगा। शुरू में गर्भवतियां टीकाकरण के लिए बिल्कुल नहीं आ रही थीं, पर अब वह इसके संबंध में जानकारी के लिए आगे आ रहीं। डा रंजना के अनुसार गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन से मां और बच्चे दोनों की ही सुरक्षा सुनिश्चित होती है। गर्भावस्था के दौरान अगर कोरोना संक्रमण होता है तो डिलीवरी के तुरंत बाद ही वैक्सीन लगवाएं। कोविड होने के 12 हफ्ते बाद वैक्सीन लगवा सकती हैं या ठीक होने के चार से आठ सप्ताह बाद वैक्सीन लगवाएं। वहीं, हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाले मामलों में वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है।

 वैक्सीन लगवाने के बाद आशिका ने बताया कि कि झलकारी बाई अस्पताल में ही वह जांच आदि के लिए आती रही हैं। उन्होंने यहां की चिकित्सकों से वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी ली। डाक्टरों ने समझाया कि वैक्सीनेशन से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। सारी जांचें भी की गईं, सब नॉर्मल था। उसके बाद मैं टीकाकरण के लिए तैयार हो गई। आशिका ने कहा कि हर पात्र व्यक्ति को वैक्सीनेशन के लिए आगे आना चाहिए। यह हमारे हित में ही लिया गया कदम है।

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