कानपुर में बने वेंटिलेटर की विदेशों में डिमांड
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :आईआईटी कानपुर इनक्यूबेटेड सेल में तैयार हुआ वेंटिलेटर देश के 1500 से अधिक अस्पतालों में अपनी सप्लाई कर चुका है। अब तक आईआईटी इनक्यूबेटर नोका रोबोटिक्स द्वारा बनाए गए वेंटिलेटर को देश भर के कई प्रदेशों की सरकारों ने खरीदा लेकिन 2020 और 2021 की दूसरी कोरोना लहर झेलने के बाद भी यूपी की योगी सरकार ने एक भी वेंटिलेटर का आर्डर आईआईटी कानपुर को नहीं दिया।

आईआईटी इनक्यूबेटर नोका रोबोटिक्स ने अब तक दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात की सरकारों को वेंटिलेटर सप्लाई किए है। यह सभी वेंटिलेटर सरकारी अस्पतालों में लगाए गए है।
विदेशों में भी है सप्लाई
नोका रोबोटिक्स के फाउंडर निखिल कुरेले ने बताया, हम लोगों इस समय पूरी तरह भारत में ही इन वेंटिलेटर की डिमांड पूरी करने में लगे है। कोरोना की तीसरी लहर से पहले हम लोग हर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतना चाहते है।
यूपी सरकार क्यों नहीं दे रही है ऑर्डर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए स्लोगन वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का सपना शायद यूपी की सरकार अभी तक नहीं समझ पाई है। कोरोना संकटकाल में वेंटिलेटर को लेकर मची मारामारी के बावजूद यूपी सरकार अपनी आंखें नहीं खोल पाई।
यूपी के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में विदेशी वेंटिलेटर
यूपी में ज़्यादातर अस्पतालों में विदेशी वेंटिलेटर लगे है। कानपुर के जीतने भी सरकारी अस्पताल है सभी में विदेशी वेंटिलेटर है। जबकि इनमे से आधे से ज्यादा खराब पड़े है। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर कबाड़ में पड़े हैं, नए वेंटीलेटर काफी महंगे भी हैं।
90 दिन में तैयार हुआ था वेंटिलेटर
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए आईआईटी कानपुर ने कोरोना संकट काल में 90 दिनों के भीतर वेंटिलेटर तैयार किया है। 2020 में जब महामारी में पांव पसारे तो आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय के नेतृत्व में 2 छात्रों निखिल कुरेले और हर्ष राठौर ने मिलकर इस वेंटीलेटर को तैयार किया।
काफी सस्ता है वेंटिलेटर
आईआईटी का वेंटिलेटर अन्य वेंटिलेटर के मुकाबले काफी सस्ता है। इसकी विशेष बात है कि इसमें इस्तेमाल होने वाले सारे पार्ट भारतीय हैं। आईआईटी वेंटिलेटर की कीमत 3:50 लाख से चार लाख रुपए के बीच में है जबकि अन्य कंपनियों के वेंटिलेटर आठ लाख से शुरू होकर 12 से 15 लाख तक जाते हैं।