उत्तर प्रदेशराज्य

श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर तीसरा केस दायर

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद खुलने के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में मंदिर से सटी शाही मस्जिद का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब तक तीन केस कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं।तीसरा केस बुधवार को ठाकुर केशव देव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशवदेव समेत पांच लोगों ने दायर किया है। इस केस पर सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

श्रीकृष्ण विराजमान के बाद भगवान केशवदेव ने मथुरा की सिविल जज सीनियर की अदालत का दरवाजा खटखटाया है

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दायर याचिका में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता अवैध है। इसके साथ ही शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग रखी गई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा भनौदिया की अदालत में बुधवार को ठाकुर केशव देव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव, शहादरा दिल्ली निवासी यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष जय भगवान गोयल, धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़, अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने वाद दायर किया। इसमें कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता अवैध है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की पूरी 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है, ऐसे में सेवा संघ (अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान) को समझौता करने का अधिकार नहीं है। शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाए। शाही मस्जिद ईदगाह की इंतजामिया कमेटी, यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड आफ वक्फ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है। बुधवार को वादी पक्ष को सुनने के बाद अदालत में अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है।

मथुरा में इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दो केस और दर्ज हैं। भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के मामले में हिंदू आर्मी की ओर से सिविल जज की कोर्ट में एक हफ्ते पहले के केस पर चार जनवरी को सुनवाई होनी है। हिंदू आर्मी का चीफ बताने वाले मनीष यादव ने खुद को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज बताते हुए कोर्ट में दावा पेश किया है। इस केस में दावा किया गया है कि वर्ष 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को लेकर शाही ईदगाह के साथ हुए समझौते को रद्द कर ईदगाह को ध्वस्त करके उस जमीन को कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को वापस करने की मांग की है।

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