उत्तर प्रदेशराज्य

आरटीओ में 15 करोड़ का घोटाला

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में 15 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इसमें शामिल परमिट सेक्शन के कर्मचारी पांच साल तक 5500 परमिट के नवीनीकरण के दौरान वसूली गई जुर्माने की रकम का गबन करते रहे। ऑडिट टीम ने जांच के बाद शासन एवं परिवहन विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है। शास

            ऑडिट टीम द्वारा की गई जांच में 15 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है।

आरटीओ के कर्मचारियों ने जुर्माने की रकम का दो तरीके से गबन किया। इसमें एक तो पुरानी तारीख में वाहन मालिक से परमिट नवीनीकरण की अप्लीकेशन लेकर और दूसरा मैनुअल तरीके से वसूले जुर्माने को भी सरकारी खजाने में जमा नहीं किया गया। ऑडिट टीम ने आरटीओ में वर्ष 2016 की जनवरी से 2020 की जनवरी तक वाहनों के परमिट नवीनीकरण के जुर्माने की रकम को जांचा है।

पुरानी तारीख में एप्लीकेशन लेकर लगाया चूना
आरटीओ में परमिट इकाई के कर्मचारियों ने वाहन परमिट के नवीनीकरण के दौरान 25 रुपये प्रतिदिन के रेट से लगने वाले जुर्माने में पुरानी तारीख के एप्लीकेशन के जरिये खेल किया। इसमें आवेदक की कोर्ट फीस के नाम पर एप्लीकेशन लेकर मैनुअल 100 रुपये की रसीद काटकर दे दी और बाद में वाहन मालिक की बीमारी या अन्य कारण दर्शाकर जुर्माने की रकम बांट ली।

अलग काउंटर पर जमा होता था जुर्माना
परमिट सेक्शन के कर्मचारी नवीनीकरण के जुर्माने की रकम मैनुअल काउंटर पर जमा कराते थे, जबकि इसकी फीस परमिट सेक्शन में ऑनलाइन कंप्यूटर में जमा होती थी।

कमेटी कर रही गबन का सत्यापन
शासन ने ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद गबन के सत्यापन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। इसमें शामिल शासन के विशेष सचिव अरविंद कुमार पांडेय, परिवहन विभाग के वित्त नियंत्रक, राजेंद्र सिंह और डिप्टी कमिश्नर (यात्री कर) मुख लाल चौरसिया ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, बीमारी के चलते अरविंद कुमार पांडेय अभी जांच में शामिल नहीं हो सके हैं।

 

 

 

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