उत्तर प्रदेशलखनऊ

रोकी कोविड की रफ्तार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश में योगी मॉडल ने कोविड की रफ्तार रोक दी है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के सिर्फ 339 नए मामले सामने आए हैं। बता दें कि प्रदेश सरकार थ्री टी फॉर्मूले अर्थात टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पर काम कर रही थी।

      योगी मॉडल ने प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पर पूरी तरह नियंत्रण लगा दिया है।

इससे पहले, 21 मार्च को एक दिन में 500 से कम केस आये थे। वर्तमान में 8,101 केस एक्टिव हैं। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 36 लाख 02 हजार 870 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते 24 घंटों में 02 लाख 57 हजार 441 टेस्ट हुए और पॉजिटिविटी दर मात्र 0.1% रही, जबकि रिकवरी दर 98.2% हो गई है। महामारी के बीच अब तक 16 लाख 72 हजार 968 प्रदेशवासी कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर टीम-9 के साथ चर्चा की और निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है। आज से रिक्शा-ऑटो चालक, रेहड़ी-पटरी व्यवसायी एवं फल-सब्जी विक्रेताओं के निःशुल्क टीकाकरण का विशेष अभियान शुरू हो चुका है। टीकाकरण कार्यक्रम का यह एक महत्वपूर्ण चरण है। अधिकाधिक लोग अपना टीकाकरण कराएं, इसके लिए जागरूकता प्रसार भी कराया जाए। अब तक प्रदेश में 02 करोड़ 30 लाख 02 हजार 546 डोज लगाई जा चुकी है।

अनाथ बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए सरकार संकल्पित
कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ बच्चों के बेहतर पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए सरकार संकल्पित है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना इसी दिशा में एक प्रयास है। कोई भी पात्र बच्चा इस योजना से वंचित न रहे, इस संबंध में संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अफसरों को बैठक में ये निर्देश दिए
– अवैध शराब के खिलाफ अभियान और तेज किया जाए। दुकानों का निरीक्षण करें। लाइसेंस का सत्यापन करें। अवैध शराब की गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
– शस्त्र लाइसेंसों की समीक्षा की जाए। आपराधिक अथवा संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त लोगों के तथा गैरजरूरी मामलों में जारी लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही हो।
– स्मार्ट सिटी और अमृत योजना से जुड़े कार्यों में तेजी लाए जाने की जरूरत है। गुणवत्ता के साथ-साथ समयबद्धता पर भी ध्यान दिया जाए। इन योजनाओं की सतत समीक्षा भी की जाए।
– किसानों के हित संरक्षण को सुनिश्चित करते हुए गेहूं खरीद 15 जून के बाद भी जारी रखी जाए। बरसात शुरू हो गई है। कहीं भी गेहूं न भीगे, इसके लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं।
– गौ-आश्रय स्थलों में गोवंश के लिए हरे चारे-भूसे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। जिलों में इन कार्यों के लिए वेटनरी अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। पशुओं की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि में देरी न हो।

 

 

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