जांच के बाद बदले गए अस्पताल के कमांडेंट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : वेंटिलेटर में तकनीकी खराबी, भर्ती अधिक मरीजों की मौत और खाली बेड के बावजूद रोगियों को सीधे भर्ती न किए जाने से चर्चा में आए डीआरडीओ अस्पताल के कमांडेंट को बदल दिया गया है। उनको वापस सेना मेडिकल कोर ट्रेनिंग बटालियन में तैनात किया गया है, जबकि वाराणसी डीआरडीओ अस्पताल में तैनात कर्नल समीर को लखनऊ डीआरडीओ अस्पताल का नया कमांडेंट व नोडल आफिसर बनाया गया है।
डीआरडीओ के अवध शिल्प ग्राम में स्थित 505 बेड वाले कोविड अस्पताल का उद्घाटन सीएम योगी आदित्यनाथ ने गत पांच मई को किया था। हालांकि 505 की जगह 150 आइसीयू और 100 आक्सीजन वाले बेड पर ही भर्ती शुरू की गई। कुछ दिनों बाद आइसीयू के 150 में से 43 वेंलिटेटर में तकनीकी खराबी आ गई। दैनिक जागरण ने 23 मई के अंक में डीआरडीओ अस्पताल के 43 वेंटिलेटरों में तकनीकी गड़बड़ी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद सेना के जांच बोर्ड ने माना था कि 38 वेंटिलेटरों में तकनीकी गड़बड़ी आई थी। वहीं अस्पताल में पांच से 26 मई तक भर्ती 188 कोविड संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी थी, जबकि इस दौरान स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या 178 रही। इसे लेकर भी एक डेथ आडिट कराने के आदेश दिए गए।
वहीं, डीआरडीओ की ओर से भी एक पत्र मध्य कमान मुख्यालय को भेजा गया। सेना ने जांच के बाद डीआरडीओ अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर गिरीश चंद गुलाटी को बदल दिया है।
कर्नल समीर ने लखनऊ डीआरडीओ अस्पताल को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। कर्नल समीर यहां रजिस्ट्रार बने, लेकिन कुछ दिन बाद वाराणसी डीआरडीओ अस्पताल की जिम्मेदारी उनको सौंपी गई। वाराणसी में गंभीर मरीजों के परिवार को रोज फोन कर स्थिति बताने जैसी कई सेवाओं को माडल माना गया। सीएम योगी आदित्यनाथ जब पिछले दिनों जब वाराणसी डीआरडीओ अस्पताल का निरीक्षण किया तो यहां की व्यवस्था की उन्होंने काफी सराहना की।