उत्तर प्रदेशराज्य

कैबिनेट मंत्रियों के गढ़ में भी ‘मुरझाया’ कमल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :मिशन-2022 से पहले सत्ता का सेमीफाइनल कहे जा रहे जिला पंचायत के चुनाव में प्रदेश सरकार के कैबिनेट और राज्यमंत्रियों के गढ़ों में भी कमल ‘मुरझा’ गया। भाजपा गोरखपुर क्षेत्र से जुड़े वन मंत्री दारा सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। यही हाल खेलकूद व युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी के विधानसभा क्षेत्र में भी है।  जिला पंचायत चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप नतीजा नहीं आने की समीक्षा करा रहे भाजपा नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है।

                             श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य 

समीक्षा में जो तथ्य सामने आए हैं, वह आगामी विधानसभा चुनाव से पहले डरा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के क्षेत्रों में हार की है। इसकी रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को भेजी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक सूबे के कृषि मंत्री व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के विधानसभा क्षेत्र में भाजपा केवल एक सीट जीत पाई है। इस क्षेत्र में दो आंशिक को मिलाकर जिला पंचायत के दस वार्ड हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह के विधानसभा क्षेत्र से जिला पंचायत चुनाव के नतीजे निराश करने वाले हैं। यही हाल कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के क्षेत्र का है। राज्यमंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में भी नतीजे निराशाजनक हैं।

गोरखपुर क्षेत्र से हैं नौ मंत्री
भाजपा गोरखपुर क्षेत्र से आजमगढ़, बस्ती और गोरखपुर मंडल के दस जिले जुड़े हैं। इन जिलों में विधानसभा की 62 सीटें हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 44 सीटें जीती थी। इसी लिहाज से योगी मंत्रिमंडल में चार कैबिनेट व पांच राज्यमंत्रियों को जगह मिली है। इसमें से कुछ के पास स्वतंत्र प्रभार भी है।

मंत्रिमंडल के फेरबदल में दिखेगा चुनावी नतीजों का असर
योगी सरकार के मंत्रिमंडल में अगर फेरबदल हुआ तो जिला पंचायत चुनाव के नतीजों का असर दिखेगा। जिन मंत्रियों के क्षेत्र में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उनका ओहदा कम किया जा सकता है। मंत्रिमंडल से हटाए भी जा सकते हैं। इससे चिंतित मंत्री अपनी कमजोरी को छुपाने में लगे हैं। पार्टी नेतृत्व से कह रहे हैं कि जिसे टिकट देने के लिए कहा गया, उसे सूची से बाहर कर दिया गया। हालांकि, ज्यादातर टिकट इनकी सिफारिश पर ही दिए गए थे।

 

 

 

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