उत्तर प्रदेशलखनऊ

अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :राजधानी में कोरोना मरीजों के साथ ही साथ नॉन कोविड मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। अब लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों की इमरजेंसी में भी मरीजों को जगह नहीं मिल पा रही है। सोमवार को सिविल अस्पताल की इमरजेंसी पूरी तरह फुल हो गई। इसके बाद बहुत से गंभीर मरीजों को वेटिंग में रखा गया है। जबकि अन्य मरीज निराश होकर लौट गए। वहीं लोहिया संस्थान की इमरजेंसी भी फुल हो गई है। यही हाल केजीएमयू के ट्रामा सेंटर का भी है। वहीं राजधानी के अधिकांश सरकारी व निजी अस्पतालों में आक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है। इसके चलते भी मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाने की संभावनाएं भी क्षीण हो रही हैं।

  राजधानी में कोरोना मरीजों के साथ ही साथ नॉन कोविड मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं।

सिविल अस्पताल के निदेशक डा. सुभाष सुंदरियाल ने बताया कि हमारे यहां इमरजेंसी में 45 बेड हैं। सभी आक्सीजनयुक्त हैं। यह सभी सोमवार को फुल हो चुके हैं। कई गंभीर मरीजों को वेटिंग में रखा गया है। अब मरीजों को हम कहां भर्ती करें। उन्होंने बताया कि यह दौर ऐसा है कि जितने भी मरीज इमरजेंसी मेंआ रहे हैं, उन सभी को आक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। हमारे पास सिर्फ 45 बेड पर ही आक्सीजन है। पुरानी बिल्डिंग में कुछ बेड हैं, जहां आक्सीजन सप्लाई नहीं है। आक्सीजन सिलिंडर का भी इंतजाम नहीं है, अन्यथा उधर कुछ बेड बढ़ा सकते थे। इसी तरह लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भी मरीजों से फुल हो गई है। यहां करीब 50 बेड हैं। सबके सब फुल हो गए हैं। मानवीयता के आधार पर डाक्टर स्ट्रेचर पर भी रखकर गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

बहुत से मरीजों को आक्सीजन की जरूरत के चलते भर्ती कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। निदेशक डा. एके सिंह ने बताया कि 50 में से 30 बेड पर ही आक्सीजन की सुविधा है। आगे से पर्याप्त आक्सीजन की सप्लाई नहीं आ पाने से मुश्किल हो रही है। वहीं केजीएमयू के ट्रामा में भी बेड फुल हो गए हैं। इसस मरीज दर-दर भटक रहे हैं।

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