बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर,बन चुका है जंपिंग मीटर
किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं, यह 12 लाख बिजली उपभोक्ताओं से जुड़ा हुआ है। जी हां, स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी। विधान परिषद सदस्य शतरुद्र प्रकाश ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए शिकायती पत्र में कहा है कि उपभोक्ताओं के घरों पर लगाए गए स्मार्ट मीटर उछल कूद (जंपिंग) करते रहते हैं। जिसकी वजह से स्वीकृत भार (लोड) और खर्च यूनिट से कई गुना अधिक रीडिंग आ रही है। मानक से तीन से चार गुना ज्यादा बिजली बिल उपभोक्ताओं के पास पहुंच रही है।
बिजली विभाग के अधिकारी भी शिकायत अनसुनी कर रहे हैं। लाखों लोग इस व्यवस्था से पीड़ित और कुंठित हैं। विभाग के स्थानीय अधिकारियों से शिकायत करने पर वह स्मार्ट मीटरों में की गई कंप्यूटर प्रोसेसिंग का हवाला देकर जान छुड़ाने में जुटे रहते हैं। इसी साल 12 अगस्त को जन्माष्टमी पर बिजली बिलों का भुगतान करने के बावजूद प्रदेश के सभी स्मार्ट मीटरों का विद्युत विच्छेदन कर दिया गया था। पता करने पर बताया कि संबंधित कंपनी द्वारा कमांड न देने की चूक हो गई थी। जिसकी वजह से पर्व के दिन लाखों लोगों के घरों की बत्ती गुल हो गई। तमाम शिकायतों के बाद मौजूदा समय में बिजली मंत्री ने इन स्मार्ट मीटरों के अधिस्थापन पर राेक लगा दी है। किंतु बहुत से सवालों व शंकाओं का समाधान जरूरी है।
जानकारी दी गई है कि प्रदेश में लगभग पचास लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने का लक्ष्य है। बताया जा रहा है कि यह स्मार्ट मीटर पूरी तरह स्मार्ट-चीटर साबित हो गए हैं। जीनस कंपनी की ओर से अर्सेबल इन स्मार्ट मीटरों के अंदर चायनीज डिवाइसेस लगे हैं। यह मीटर स्वभाव से चिड़चिड़ापन (इरिटेटिंग) वाला है और इसकी मेमोरी अक्सर चली जाती है। इसी कारण जंपिंग करता है, नुकसान उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। बिडंबना यह है कि अनेक वर्षों में दस तरह के मीटर लगाए जा चुके हैं। जनहित में यह उचित होगा कि इस स्मार्ट चीटर मीटर से निकलकर सभी बिलों को निरस्त किया जाए। साथ ही बिजली मीटर की खरीद विद्युत अधिनियम तथा विद्युत प्रदाय संहिता के अनुपालन में उपभोक्ता के विवेक पर छोड़ दिया जाए ताकि विद्युत निगम मीटर संबंधित जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाए।