शाहजहांपुर केस में आया फैसला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में लॉ स्टूडेंट के यौन शोषण के आरोपों से घिरे पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह को MP/MLA अदालत ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी है। उन्हें यौन शोषण केस से बरी कर दिया। साथ ही दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा व उसके तीन दोस्तों को भी रिहा कर दिया गया। चिन्मयानंद के वकील संतोष सिंह ने बताया कि LLM छात्रा ने जो भी आरोप लगाए थे, उसे जस्टिस जज पवन कुमार राय ने खारिज किया है। स्वामी चिन्मयानंद को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। बता दें कि यौन शोषण का आरोप लगने के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
छात्रा ने वापस ले लिए थे अपने आरोप
इस प्रकरण में योगी सरकार ने SIT का गठन किया था। जांच अधिकारी ने चिन्मयांनद के खिलाफ चार नवंबर 2019 को IPC की धारा 376 (C), 354 (D), 342 और 506 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। जांच अधिकारी ने 13 पेज की चार्जशीट में 33 गवाहों और 29 दस्तावेजी सबूतों को हवाला दिया था। जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2020 में यौन शोषण लगाने वाली छात्रा ने अपने आरोप वापस ले लिए थे। छात्रा ने अदालत को बताया कि उसने शरारती तत्वों के दबाव में आकर पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री पर आरोप लगाए थे।
हाईकोर्ट ने कहा था- दोनों ने अपनी सीमाएं लांघी
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चिन्मयानंद को 20 सितंबर, 2019 को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, रंगदारी मामले में छात्रा व उसके दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। 11 दिसंबर 2020 को शाहजहांपुर जेल से छात्रा को रिहाई मिली थी। वहीं, चिन्मयानंद को 135 दिनों बाद 4 फरवरी 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट जमानत दी थी। साथ ही प्रकरण को MP/MLA कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि, चिन्मयानंद व छात्रा, दोनों ने अपनी सीमाएं लांघी है। ऐसे में निर्णय करना मुश्किल है कि, किसने किसका इस्तेमाल किया। कोर्ट ने कहा- दोनों ने ही एक-दूसरे का इस्तेमाल किया।