68 फीसद लाभार्थी आयुष्मान कार्ड से वंचित
स्वतंत्रदेश,लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही पीएम जन आरोग्य योजना के तहत जरूरतमंदों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए लाखों करोड़ रुपये का वारा-न्यारा कर रहे हों, लेकिन पात्रता तय करने में तकनीकी खामी और नौकरशाहों एवं अफसरों की लापरवाही से यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। आयुष्मान कार्ड बनवाने व इलाज पाने के लिए गरीब मरीज दर-दर की भटक रहे हैं। जनपद की हालत यह है कि सूची में दर्ज लाभार्थी परिवारों को भी अभी तक आयुष्मान नहीं बनाया जा सका है। यह बात हम नहीं कह रहे, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कह रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार सूची में दर्ज परिवारों में से अब तक सिर्फ 32 फीसद का ही गोल्डन कार्ड बन पाया है। जबकि इसके लिए सभी जिला अस्पतालों व प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आयुष्मान काउंटर बनाए गए हैं। यहां सिर्फ गोल्डन कार्ड बनाने के लिए ही कर्मचारी रखे गए हैं। बावजूद इसके लखनऊ में योजना की स्थिति दयनीय होने के चलते पात्र मरीजों को भी मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है।
सूची वाले पात्र, गरीब अपात्र
इस योजना की हालत यह है कि पात्रों का चयन 2011 की सूची के आधार पर किया जा रहा है। वहीं, जिनका नाम सूची में नहीं है, वह कितने भी गरीब हों उन्हें अपात्र माना जाता है। यह सूची भी दस वर्ष पुरानी है। इस दौरान बहुत से अमीर गरीब हो चुके हैं।
अब 30 हजार नए परिवारों को जोडऩे की पहल
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार योजना के तहत लखनऊ में एक लाख 85 हजार परिवार पात्र हैं, जिनमें से 68 फीसद परिवारों का कार्ड अभी भी नहीं बन पाया है। अब मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 30 हजार पांच सौ नए परिवारों को जोडऩे के लिए मुहिम चलाई जाएगी।
सीएमओ लखनऊ डा. संजय भटनागर ने बताया कि अभी तक जो भी खामियां रही होंगी, उन सभी को दूर किया जाएगा, जिनका नाम 2011 की सूची में दर्ज नहीं है उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभ पहुंचाया जाएगा।