मिशन शक्ति की उड़ी धज्जियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: राजधानी में मंगलवार सुबह बीच सड़क दबंगों ने छेड़छाड़ की पीड़िता पर हमला बोला। लोहे की चेन, बेल्ट से पीट-पीटकर उसका सिर फोड़ दिया। इस दौरान किसी ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया वायरल कर दिया। इसके बाद पुलिस हरकत में आयी। हमले के बाद आरोपित घर में ताला बंद कर भाग निकले। आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस की टीमें गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। बता दें, पीड़िता ने नवंबर माह में हमलावरों के खिलाफ छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था।
लोहे की चेन और बेल्ट से बीच सड़क महिला को पीटा: मामला ठाकुरगंज थानाक्षेत्र स्थित कैंपवेल रोड का है। यहां के निवासी एक ई-रिक्शा चालक की पत्नी मंगलवार को घर के बाहर बैठी थी। आरोप है कि इस बीच पड़ोस में रहने वाले दिलशाद और रईस पहुंचे। दोनों ने उस पर छेड़छाड़ का मुकदमा वापस लेने और मामले में पैरवी न करने का दबाव बनाया। महिला के विरोध पर दिलशाद और रईस ने उस पर हमला बोल दिया। दोनों ने लोहे की चेन और बेल्ट से महिला को बीच सड़क गिराकर पीटा। इस बीच हमलावरों के घर की महिला भी आ गई, उन्होंने भी पीड़िता के बाल पकड़कर जमकर पीटा। हमले से पीड़िता का सिर फट गया। वह खून से लथपथ हो गई। इसके बाद हमलावर घर में ताला जड़कर भाग निकलें। परिवारीजन महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील दुबे ने बताया कि महिला ने आरोपितों के खिलाफ बीते नवंबर में छेड़छाड़ का मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया था। हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। दोनों पक्षों में अक्सर झगड़ा होता रहता था।
थाने में सुनवाई न होने पर कोर्ट में की थी न्याय की गुहार: दरअसल, महिला ने बीते नवंबर में हमलावरों के खिलाफ छेड़छाड़ समेत अन्य धाराओं में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि आए दिन शोहदे उसके साथ छेड़छाड़ करते थे। विरोध पर धमकाते थे। उसने कई बार थाने में शिकायत की थी पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की।
एक दिन पहले भी हुआ था झगड़ा, कार्यवाही के बजाय पुलिस समझाकर लौटी थी: पीड़िता ने बताया कि बीती सोमवार (22 फरवरी) शाम भी दिलशाद और रईस ने उसे धमकाया था। मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया था। विरोध पर दोनों झगड़ा करने लगे थे। पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी गई थी। ठाकुरगंज पुलिस मौके पर पहुंची और हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय समझाकर चली गई थी। अगर, पुलिस कार्रवाई शाम को ही कर देती तो मंगलवार को हमला न होता।