भाजपा के और सपा के पार्षद निर्विरोध निवार्चित
स्वतंत्रदेश,लखनऊ: राजधानी लखनऊ के नगर निगम ने सोमवार को हुए विशेष सदन में भाजपा के चार और सपा के दो पार्षदों कार्यकारिणी समिति का सदस्य निर्विरोध निवार्चित किया। दावे के मुताबिक, कांग्रेस के किसी पार्षद ने नामांकन नहीं किया। भाजपा से श्रवण नायक, रूपाली गुप्ता, प्रदीप शुक्ला एवं विमल तिवारी और समाजवादी पार्टी से देवेंद्र सिंह यादव जीतू और मोनू कनौजिया को चुना गया है। मतों के हिसाब से भाजपा ने चार और सपा ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।
कार्यकारिणी सदस्य के लिए कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी ने भी नामांकन करने का दावा किया था। कांग्रेस के पास कुल 8 पार्षद थे, जिसमे से एक पार्षद मोहम्मद हलीम ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी का दावा था कि भाजपा और समाजवादी पार्टी के कई असंतुष्ट पार्षद उन्हें मत देने के लिए सहमत हो गए हैं। ऐसे पार्षदों की संख्या करीब नौ हैं। कार्यकारिणी सदस्य बनने के प्रथम वरीयता के लिए कम से कम 20 मत चाहिए
जनवरी में छह कार्यकारिणी सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने से नगर निगम नीतिगत निर्णय नहीं ले पा रहा था। महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यकारणी समिति में कुल 12 पार्षद भी होते हैं। नगर निगम का सदन 110 पार्षदों का है, लेकिन तीन पार्षदों का निधन होने से यह संख्या 107 ही है। कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव के लिए कुल 131 सदस्य है। इसमें लखनऊ नगर निगम सीमा में निवास करने वाले सांसद, विधायक व विधान परिषद सदस्य भी शामिल है।
इन सदस्यों का कार्यकाल हुआ था खत्म: भाजपा के नागेंद्र सिंह चौहान, कुमकुम राजपूत, कौशलेंद्र द्विवेदी, सुधीर कुमार मिश्रा, सपा के शैलेंद्र सिंह, मो. सलीम।
मौजूदा कार्यकारिणी सदस्य: भाजपा के रजनीश कुमार गुप्ता, हरिशचंद्र लोधी, राम कुमार वर्मा, साधना वर्मा, सपा से सै. यावर हुसैन रेशू, तारा चंद्र रावत।
उप नेता के चयन पर विरोध: भाजपा पार्षद दल का उप नेता कौशलेन्द्र द्विवेदी को बनाए जाने का विरोध हो रहा है। भाजपा पार्षद रामनरेश रावत ने उपेक्षा का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वरिष्ठों की उपेक्षा कर कौशलेंद्र को यह पद दिया गया। यह पद रामकृष्ण यादव के एलडीए बोर्ड का सदस्य चुने जाने से खाली हुआ था। भाजपा पार्षद रामनरेश ने पार्षदों के ग्रुप पर अपनी नाराजगी को सार्वजनिक किया