लखनऊ पुलिस की वजह से बची छह जिंंदगियां
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :सदर थाना क्षेत्र के रामदास हाता स्थित एक मकान में शुक्रवार की रात अंगीठी जलाकर सो रहे परिवार के छह सदस्य में से पांच बेहोश हो चुके थे। सिर्फ एक बच्चा जोर-जोर से रो रहा था। मगर कड़ाके की सर्दी में बच्चे के रोने की आवाज भी सर्द हो चुकी थी। लिहाजा उसके चिल्लाने की आवाज़ लोगों के पास तक नहीं पहुंच पा रही थी। इसी बीच सदर चौकी प्रभारी एसआइ उमेश चंद्र यादव व पालीगान-77 के कर्मचारी अभिषेक पवार और पंकज कुमार गश्त करते पास से गुजर रहे थे।
उन सभी ने दरवाजा तोड़कर परिवार के सभी सदस्यों को एंबुलेंस से तत्काल डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल पहुंचाया। अगर एक मिनट की भी देरी हो जाती है तो परिवार के सभी सदस्यों की जान जा सकती थी। एक तरह से यमराज के मुंह से पुलिस ने छह जिंदगियां छीन ली। एसआइ उमेश चंद्र यादव के अनुसार रात के करीब 12:45 बजे जब वह गश्त पर थे, उसी दौरान किसी ने बताया कि मकान नंबर 88 में एक बच्चा काफी देर से पता नहीं क्यों रो रहा है। हम लोगों ने दरवाजा पीटा, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।
अनहोनी की आशंका भांपकर कटर से दरवाजा काटा और अंदर का दृश्य देखा तो दंग रह गए। जलती अंगीठी के जहरीले धुएं से परिवार के सभी सदस्य बेहोश हो चुके थे। बच्चा भी अब तक मूर्छित हो चुका था। तत्परता से एंबुलेंस बुलाकर सभी को अस्पताल भेजा गया।