उत्तर प्रदेशराज्य

सर्वदलीय बैठक में बोले पीएम मोदी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :बजट पेश होने से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रही है। किसानों के लिए सरकार का प्रस्ताव अभी भी है। कृपया इसे अपने समर्थकों को बताएं। बातचीत के जरिए समाधान निकलना चाहिए। हम सभी को देश के बारे में सोचना होगा। समाचार एजेंसी एएनआइ ने इसकी जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है। बता दें कि हर बार बजट सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक होती है। लेकिन इस बार बजट सत्र शुरू होने के बाद यह बैठक हुई।

बजट पेश होने से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार लगातार किसानों के मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रही है।

आमतौर पर इस तरह की सर्वदलीय बैठक दोनों सदनों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संसदीय सत्रों से पहले आयोजित की जाती है। पीएम मोदी ने इस दौरान यह भी कहा, ‘ मैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को बताई गई बातों को दोहराना चाहता हूं। उन्होंने कहा था कि हम आम सहमति तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन हम आपको (किसानों को) प्रस्ताव दे रहे हैं।

लगभग सभी पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया

बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि लगभग सभी पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है इसके लिए भी सरकार सहमत हैं।

सरकार कभी चर्चा के लिए तैयार

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच 11वीं दौर की वार्ता में, हमने कहा कि सरकार कभी चर्चा के लिए तैयार है। कृषि मंत्री ने किसानों से कहा था कि वह सिर्फ एक फोन कॉल दूर है, जब भी आप फोन करेंगे वह चर्चा के लिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को अमेरिका में (कैलिफोर्निया में) तोड़फोड़ हुई है।

छोटे दलों को संसद में कम समय मिलता, बैठक में उठा मुद्दा

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बैठक में कहा गया कि छोटे दलों को संसद में कम समय मिलता है। यह मांग की गई थी कि उन्हें अधिक समय दिया जाए।

कोरोना संक्रमण के कारण पांच-पांच घंटे की पारी में हो रही बैठकें

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें पांच-पांच घंटे की पारी में हो रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि सदस्यों के बीच शारीरिक दूरी के मानकों का पालन किया जा सके। सत्र के दौरान राज्यसभा की बैठक सुबह में होती है। दोपहर बाद लोकसभा का सत्र शुरू होता है।

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