उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ की बेटी ने च‍िली में लहराया भारत का झंंडा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : हाल ही में चिली की जूनियर और सीनियर टीम को भारतीय महिलाओं ने उसके घर में 5-1 के अंतर से करारी शिकस्त दी। यह दौरा टीम इंडिया के साथ अपने शहर और सूबे के लिए भी खास था। क्योंकि भारत को दो मैचों में जीत दिलाने वाली युवा स्टार मुमताज खान लखनऊ निवासी हैैं। छह मैचों की सीरीज में मुमताज को दो मुकाबलों अंतिम एकादश में शामिल किया गया। दिग्गज फारवर्ड ने दोनों मुकाबलों में एक-एक गोल दागकर आगामी जूनियर एशिया कप के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली। मुमताज गुरुवार को चिली से वाया दिल्ली लखनऊ पहुंचीं। कोरोना काल के बावजूद चिली से द्विपक्षीय सीरीज के आयोजन पर मुमताज ने हॉकी इंडिया को शुक्रिया कहा और बोलीं, एशिया कप से पहले मिली इस बड़ी जीत ने टीम की तैयारी को पुख्ता कर दिया। यह बहुत जरूरी था।

मुमताज खान ने बताया कि कोरोना काल के बीच जुलाई में कैंप के लिए बुलावा आया।

यह दूसरा विदेशी दौरा, अपने प्रदर्शन संतुष्ट हूं

दैनिक जागरण से खास बातचीत में मुमताज खान ने कहा, पांच अप्रैल से टोक्यो (जापान) में जूनियर एशिया कप का आयोजन होना है। इसकी तैयारी के मद्देनजर अगले माह आठ फरवरी से बेंगलुरू के साई सेंटर में भारतीय टीम का कैंप शुरू होने जा रहा है। मैैं तीन फरवरी को कैंप के लिए रवाना हो जाऊंगी। मुमताज कहती हैैं, चिली मेरे करियर का दूसरा विदेशी दौरा है।

सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व करना है सपना:

युवा और तेजतर्रार फारवर्ड खिलाड़ी मुमताज खान ऐसे ही इस मुकाम तक नहीं पहुंची हैैं। यहां तक के सफर के लिए उन्होंने खूब संघर्ष किया। उनके पिता हफीज खान अभी भी सब्जी का ठेला लगाते हैैं। वह कहती हैैं, पैसे की वजह से शुरुआती दिनों में ट्रेनिंग और अच्छी डाइट मिलने में दिक्कत होती थी।

जुलाई के बाद अब घर लौंटीं

मुमताज खान ने बताया कि कोरोना काल के बीच जुलाई में कैंप के लिए बुलावा आया। मन थोड़ा हिचक रहा था, लेकिन मैैंने इसे अवसर के रूप में लिया। पांच महीने तक बेंगलुरु के साई सेंटर में आयोजित कैंप में कड़ी मेहनत का इनाम चिली दौरे के लिए चुनी गई टीम में मौका देकर दिया गया।

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