लखनऊ में जुटे किसान
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ : कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में राजभवन का घेराव कर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को ज्ञापन देने के भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के एलान के चलते मोहनलालगंज के पास किसानों का जमावड़ा लग गया। ठंड के बावजूद किसान सड़क के किनारे बैठकर आगे की रणनीति बनाते नजर आए। टैक्टरों के साथ किसान जुटने लगे। यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान व किसान नेता मान सिंह वर्मा सहित किसान नेता किसानों को कृषि कानून की कमियों के बारे में बताते नजर आए। वहीं, सीमाओं पर बैरिकेडिंग व भारी पुलिस ने किसानों की राजभवन की योजना विफल कर दी। भारतीय किसान यूनियन के सुनील मिश्रा और किसानों ने मिलकर एसडीएम को इटौंजा क्रॉसिंग रोड पर ज्ञापन सौंपा।
उधर, मान सिंह ने बताया कि किसानों के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने कृषि कानून लाकर उनको बड़े व्यापारियों के चंगुल में फंसाने का काम करना चाह रही है। इस दमनकारी कानून को सरकार जब तक वापस नहीं लेगी, आंदोलन जारी रहेगा। प्रदेश सरकार किसानों को रोकना चाह रही है। पुलिस तैनात कर उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करके किसान हितैशी होने का झूठा दावा कर रही है। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम वर्मा ने कहा कि किसानों के लिए कानून बनाया गया और किसानों से पूछा नहीं गया। किसान विरोध कर रहे हैं तो उन्हें देशद्रोही की संज्ञा दी जा रही है।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश के नेतृत्व में सात ट्रैक्टर-ट्रालियों व दूसरे साधनों पर सवार होकर लगभग 500 किसानों का दल दिल्ली के लिए हाईवे पर पहुंचा। इसकी भनक पुलिस व प्रशासन को लगी। आनन-फानन में कैसरगंज, जरवलरोड व फखरपुर थाने के पुलिस को रोकने के लिए भेजा गया। घाघराघाट के पास पुलिस ने काफिले को रोक दिया। इससे नाराज किसान हाईवे पर बैठ गए। आवागमन बंद होने पर एसडीएम महेश कुमार कैथल व पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। हाईवे से हटाया गया। घाघराघाट रेलवे स्टेशन के बाहर किसान धरने पर बैठे हुए हैं।