यू गुथी बनके न रह जाये अजित हत्याकांड
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : मऊ के ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि व आजमगढ़ के पूर्व विधायक सीपू सिंह मर्डर केस के गवाह अजीत सिंह के हत्या मामले के 10 दिन बीत गए। दिल्ली पुलिस ने इनामी शूटर गिरधारी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन राजधानी पुलिस एक भी शूटर नहीं पकड़ सकी। यही नहीं, हत्याकांड के पीछे छिपे साजिशकर्ता का नाम तक नहीं सामने आया।
पहले भी मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत और फिर तारिक की हत्या को गैंगवार बताया गया था, जो आज तक फाइलों में ही बंद है। अब सवाल यह है कि क्या अजीत हत्याकांड भी फाइलों में ही सिमट जाएगा या फिर रहस्यों से पर्दा भी उठाया जाएगा।
लखनऊ पुलिस अभी तक गिरधारी को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिए दिल्ली नहीं गई है। गिरधारी तिहाड़ जेल में बंद है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हमलावरों के मददगारों के मुंबई में छिपे होने की सूचना पर पुलिस की एक टीम वहां भेजी गई है। हालांकि, अभी तक न तो मददगार मिले हैं और न ही अजीत पर गोलियां बरसाने वाले तीन अन्य शूटर।
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मूलरूप से मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना निवासी अजीत सिंह की छह जनवरी को लखनऊ के विभूतिखंड में कठौता चौराहे के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने अजीत को 22 गोलियां मारी थीं। अजीत आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में गवाह थे। अजीत के साथी मोहर सिंह ने आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, गिरधारी और अखंड सिंह समेत अन्य के खिलाफ साजिश के तहत हत्या की एफआइआर दर्ज कराई थी।