प्रदूषण जांच केंद्र से रोजगार पा सकेंगे
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अभी तक पेट्रोल टंकी या फिर मान्यता प्राप्त गैराजों समेत कुछ गिनी-चुनी संस्थाओं को ही प्रदूषण जांच केंद्रों को खोलने की अनुमति थी। लेकिन अब निजी क्षेत्रों में भी इसे खोले जाने की अनुमति दे दी गई है। तय नियमों और शर्तों का पालन करने वाला कोई भी व्यक्ति प्रदूषण जांच केंद्र खोल प्रमाणपत्र जारी कर सकेगा। उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण योजना जांच केंद्र-2020 में नए प्रावधान किए गए हैं। इसका लाभ सीधे यूपी के बेरोजगारों को मिलेगा। अब उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आवश्यक बदलाव करने के लिए एनआईसी को निर्देशित कर दिया गया है।

अगले माह के प्रथम पखवारे के भीतर प्रणाली अपग्रेड हो जाएगी। प्रदूषण जांच केंद्र की स्थापना और इसे व्यवसायोन्मुखी बनाने के लिए विभाग की ओर से मार्च- 2021 का इसे शुरू किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है जिससे अधिक से अधिक बेरोजगारों को इससे जोड़ा जा सके और हर क्षेत्र में प्रदूषण जांच केंद्र खुलवाकर प्रमाणपत्र जारी करने की व्यवस्था बनाई जा सके।
मोबाइल वैन प्रदूषण जांच केंद्र खोलने का भी होगा मौका: अगर कोई व्यक्ति सचल प्रदूषण जांच केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास अपना वाहन होना चाहिए। इसमें प्रदूषण जांच उपकरण फिट होना चाहिए। इसे लेकर वह संभाग के अंर्तगत ग्रामीण बाजारों, तहसीलों, ब्लॉक और थाना क्षेत्रों समेत कई स्थानों पर वाहनों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी कर सकेंगे
ये होगी मशीन की कीमत:
- प्रदूषण जांच मशीन की कीमत प्रति मशीन औसतन करीब सवा लाख से डेढ़ लाख रुपये के बीच होगी।
- अगर डीजल-पेट्रोल दोनों की जांच मशीन लेनी है तो करीब तीन लाख रुपये का खर्च आएगा।
क्या कहते हैं परिवहन आयुक्त: परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के लिए साफ्टवेयर में संशोधन किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इस योजना को लागू करने के पीछे मंशा है कि इससे बेरोजगारों को रोजगार के लिए जोड़ा जा सके। इसके लिए मामूली शर्तें होंगी। इससे हर व्यक्ति को घर या गांव के पास ही प्रदूषण जांच केंद्र आसानी से उपलब्ध हो सकेंगे और अधिक से अधिक वाहनों की जांच हो सकेगी।