उत्तर प्रदेशराज्य

वायु प्रदूषण से अस्‍पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्‍या

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : पिछले कई दिनों से लखनऊ और आसपास के शहरों की हवा प्रदूषित होने से लोगों को परेशानी हो रही हैं। सांस के जरिए जहरीली हवा शरीर में प्रवेश कर रही है, जिससे श्वांस नली में सूजन आ रही है और वह सिकुड़ रही है। ऐसी स्थिति में पहले से ही जो अस्थमा रोगी या सांस से जुड़े मरीज हैं, उनकी तकलीफ बढ़ गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, विभिन्न अस्पतालों में पिछले 10 दिनों के दौरान सांस रोगियों की संख्या में 20 से 30 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है

वायु प्रदूषण से अस्थमा व निमोनिया के मरीज बढ़ गए हैं। ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 90 के नीचे आ रहा है उन सभी को भर्ती किया जा रहा है।

निमोनिया और अस्थमा के मामले बढ़े

डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि हवा में जहर घुलने से अस्थमा व निमोनिया के मरीज बढ़ गए हैं। ज्यादातर मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 90 के नीचे आ रहा है, उन सभी को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। जिन मरीजों का ऑक्सीजन स्तर 90 से ऊपर है, उन्हें घर पर रहने की सलाह देकर इलाज किया जा रहा है। जो मरीज अस्थमा होने के बावजूद इनहेलर नहीं ले रहे थे और बिना मास्क के घर के बाहर निकल रहे थे, उनमें ज्यादा दिक्कत हो रही है, हालांकि कोविड-19 की वजह से ज्यादातर घरों में पल्स, ऑक्सीमीटर है।

नियमित रूप से मास्क लगाएं। अस्थमा के रोगी बिना वजह बाहर न निकलें। जिन्हें पहले से दिक्कत है, वह इनहेलर नियमित तौर पर लेते रहें। दिन में दो-तीन बार भाप लें। सूप, काफी, चाय, काढ़ा इत्यादि का सेवन करें। ठंडी और ज्यादा तली वस्तुएं इत्यादि न खाएं।

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