पीएचडी में इस सत्र नहीं हो सकेंगे दाखिले
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : गिरी विकास अध्ययन संस्थान में इस सत्र पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं हो सकेगी। संस्थान के निदेशक की वित्तीय गड़बड़ी के मामलों में शामिल होने को लेकर जांच और कार्रवाई हुई तो उधर पीएचडी दाखिला प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। पीएचडी प्रवेश परीक्षा के आवेदकों का कहना है कि उन्होंने मई-जून 2020 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया था। आवेदन की तारीख कई माह तक बढ़ाई गई जाती रही। संस्थान द्वारा अक्टूबर 2020 में अभ्यर्थियों को कॉल लेटर भी जारी हुआ। मगर 4 माह बीतने के बाद भी संस्थान द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं कराई जा सकती है।
दरअसल, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और गिरी विकास अध्ययन संस्थान द्वारा संयुक्त रुप से जून 2020 में सत्र 2020-21 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए थे। कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए दोनों संस्थानों द्वारा परीक्षा को आगे बढ़ाया जाता रहा। मगर जनवरी 2021 आने तक भी दोनों संस्थानों की ओर से प्रवेश परीक्षा को लेकर कोई स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए।
प्रवेश परीक्षा प्रभारी को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रवेश परीक्षा जल्द कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। विवि के कुलपति से भी इस संबंध में वार्ता की गई है।स्थाई तौर पर संस्थान को निदेशक मिलने तक किसी भी तरह की एकेडमिक व्यवस्था प्रभावित न हो इसको भी सुनिश्चित करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं