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विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता, थोड़ी देर में सरकार के साथ बातचीत

स्वतंत्रदेश लखनऊ : आज सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बातचीत होगी। दोनों पक्षों के बीच चार में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है।केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन (Farmer Protest) कर रहे किसान संघों के नेताओं और सरकार के बीच आज सातवें दौर की वार्ता होगी।

आज सरकार और किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की बातचीत होगी। दोनों पक्षों के बीच चार में से दो मुद्दों पर सहमति बन गई है।

सरकार के साथ बातचीत के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं। वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि आज की बैठक में जो विषय बचे हुए हैं उन पर चर्चा होगी। सरकार लगातार इस बात को कह रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली बनी रहेगी।अब तक केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच छह दौर की वार्ता हो चुकी है।

किसान संगठन सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लगातार निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार का कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे। दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ अपने आवास से रवाना हुए। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ‘आज की बैठक में जो विषय बचे हुए हैं उन पर चर्चा होगी। मुझे आशा है कि सभी सकारात्मक हल निकालने में मदद करेंगे और हम सफल भी होंगे।उन्होंने कहा कि कानून वापस हों, एमएसपी पर कानून बने, स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू हो। हमें बिन्दुवार वार्ता करने में कोई दिलचस्पी नहीं है

‘सरकार और किसानों के बीच सातवें दौर की वार्ता से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार बात मान ले, अगर मांगें पूरी नहीं होती तो आंदोलन चलेगा। विरोध के दौरान अब तक 60 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है। इसका जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है।

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