PM मोदी एवं CM योगी की फोटो लगाकर लांच किया था स्वदेशी फ़ोन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश के कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के आरोप में हजरत गंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में 5 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। यूपी में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के होर्डिंग लगाए गए थे, जिसमें स्वदेशी ब्रान्ड के फोन की लॉन्चिंग दिखाई जा रही थी।
होर्डिंग्स पर फोटो और फोन को इस तरह दर्शाया गया कि ये फोन सरकार की योजना है और पूरी तरह से स्वदेशी है। एफआईआर में मंत्री कपिल देव के भाई के अलावा एक बड़े मीडिया हाउस के जीएम समेत चार नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी तथा षड्यंत्र की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इसकी लॉन्चिंग में सरकार के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और दूसरे मंत्री भी शामिल हुए थे। IN BLOCK नाम के इस फोन को लॉन्च करने के बाद कंपनी का एडवरटाइजिंग का काम मंत्री के भाई ललित अग्रवाल को दे दिया गया, जिसके लिए करोड़ों रुपये अदा किए गए। मंत्री के भाई ललित अग्रवाल ने यूपी और उत्तराखंड में होर्डिंग्स लगाकर प्रचार किया, लेकिन ये फोन बाजार में आया ही नहीं. आशंका है कि कंपनी का इरादा सरकार से सस्ती दर पर जमीन और दूसरी सहूलियत लेने का था।
फोन बनाने वाली कंपनी भी संदेह के घेरे में है। कंपनी के सीईओ दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी के फेसबुक से पता चलता है कि वो यूपी के सुल्तानपुर जिले का रहने वाला एक सामान्य लड़का है। इसी जिले के रहने वाले विधायक देवमणि त्रिपाठी भी हैं। उन्होंने ना सिर्फ फोन की लॉन्चिंग में शिरकत की बल्कि दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी की तारीफ में ट्वीट्स भी किए थे. जब इस मामले में शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची तो आनन-फानन में लखनऊ के हजरत गंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की योजना थी
नीचे कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल के साथ उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार के अलावा विधायक नीरज बोरा और सुलतानपुर के लंभुआ के विधायक देवमणि द्विवेदी की फोटो लगी थी। पता चला कि कुछ अन्य जिलों में वहां के स्थानीय विधायक की फोटो लगी थी। इन होर्डिंगों को देखकर अंदाजा लग रहा था कि इस मोबाइल को पीएम और सीएम ने ही लांच किया है और यह सरकारी सस्ता फोन है। बताया जाता है कि इसका डीलर बनाने के नाम पर करोड़ों की वसूली का खेल खेलने की योजना थी। जैसे ही यह होर्डिंग लगे तो इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची कि उनके फोटो लगाकर पूरे राज्य में यह धोखाधड़ी की जा रही है। इसी के बाद हड़कंप मचा।