संसद संत्र बुलाकर कृषि कानूनों को वापस ले सरकार
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध जारी। इस बीच कांग्रेस ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की योजना बनाई है। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। उन्हें कानूनों के खिलाफ दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सरकार से संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर नए कानूनों को वापस लेने की बात कही।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन्हें पुलिस मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन लेकर गई। बता दें कि मार्च के लिए दिल्ली पुलिस ने इजाजत नहीं दी थी और राष्ट्रपति से तीन नेताओं के मिलने की अनुमति मिली थी। इसके बाद भी राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को दो करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। कांग्रेस नेताओं के हिरासत में लिए जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र नहीं बचा है। यह आपकी कल्पना में हो सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं है।
विपक्षी दल किसानों और मजदूरों के साथ
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘ मैंने राष्ट्रपति से कहा कि ये कृषि कानून किसान विरोधी हैं। देश ने देखा है कि किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़े हुए हैं। मैं पीएम को बताना चाहता हूं कि ये किसान तब तक घर वापस नहीं जाने वाले हैं, जब तक इन कृषि कानूनों को रद नहीं किया जाता। सरकार को संसद का संयुक्त सत्र बुलाना चाहिए और इन कानूनों को वापस लेना चाहिए। विपक्षी दल किसानों और मजदूरों के साथ खड़े हैं। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी पूंजीपतियों के लिए पैसे बना रहे हैं। किसान हो, मजदूर हो या मोहन भागवत ही क्यों ना हों, जो भी उनके खिलाफ खड़ा होने की कोशिश करेगा, उसे आतंकी कहा जाएगा।
किसान हटेगा नहीं- राहुल
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं एडवांस में चीज बोल देता हूं, मैंने कोरोना के बारे में बोला था कि नुकसान होने जा रहा है। उस समय किसी ने बात नहीं सुनी। आज मैं फिर से बोल रहा हूं किसान, मजदूर के सामने कोई भी शक्ति खड़ी नहीं हो सकती। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मजदूर घर चले जाएंगे।’