‘काशी की जनता का अनुरोध, मोदी जी अबकी निर्विरोध’
स्वतंत्रदेश , लखनऊप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 10 वर्षों में काशी में विकास के माध्यम से देश-दुनिया में एक माडल पेश किया है। इस कारण उनके विरोध का जाति-धर्म का भेद समाप्त हो गया है। जो लोग मोदी से दूरी रखते थे वे भी उनके विकास से नजदीक आने लगे हैं।ध्यान में रखते हुए अखिल भारतीय मनीषी परिषद ने आह्वान किया है ‘काशी की जनता का अनुरोध, मोदी जी अबकी निर्विरोध’। इससे संबंधित होर्डिंग परिषद ने मोदी के आगमन मार्ग पर जगह-जगह लगाया है।मोदी के काशी समेत पूरे देश का विकास, पूरी दुनिया में देश की बढ़ रही प्रतिष्ठा का परिणाम है कि उन्होंने 2014 में 3,78,784 तो 2019 में 4,79,505 मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को हराया। तीसरी बार भाजपा प्रत्याशी बनने पर लोगों में उत्साह है। चुनाव दर चुनाव मोदी की जीत का अंतर जिस प्रकार बढ़ रहा है।
भाजपा कार्यकर्ता इस बार हर बूथ पर 370 मतों के अंतर से जीत का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उनका प्रयास है कि इस बार कम से कम छह लाख की जीत हो। परिषद के महासचिव दिवाकर द्विवेदी का कहना है कि यहां किसी भी दल और प्रत्याशी का कुछ होने वाला नहीं है। चुनाव में पैसा बर्बाद होगा। मोदी निर्विरोध जीत गए तो काशी ही नहीं देश की प्रतिष्ठा पूरी दुनिया में बढ़ेगी।
बताया कि परिषद ने देशभर के 40 सदस्यों ने मिलकर सर्वसम्मति से मोदी के निर्विरोध निर्वाचित करने के लिए अनुरोध की पहल की है। इस क्रम में 16 मार्च को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एक बड़ा सम्मेलन होगा। शहर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। बाबतपुर से चौकाघाट तक 25 होर्डिंग उक्त अनुरोध की होर्डिंग लगाई गई है। साथ ही तीन इलेक्ट्रानिक फ्लैस बोर्ड सिगरा, मलदहिया, रथयात्रा पर अनुरोध का प्रसार किया जा रहा है।bjp के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का हक है। फिर भी काशी में जाति-धर्म का भेद मिट गया है। विरोध की सीमाएं टूट गई हैं। जो नरेन्द्र मोदी से परहेज करते थे वे लोग अब उन्हें दिल में उतार चुके हैं। यहां तक कि कभी मोदी के खिलाफ रनर रहीं शालिनी यादव, कांग्रेस के बड़े स्तंभ पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा अब भाजपा का कमल हाथ में ले चुके हैं। इन परिस्थितियों में परिषद की होर्डिंग ने शहर में निर्विरोध चुनाव की बहस छेड़ दी है।