20 करोड़ फूंकने के बाद भी बंद पड़ी है बर्न यूनिट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:ठंड के दिनों में बर्न के मरीजों की तादाद बढ़ जाती है। कारण, हीटर व अलाव तापते वक्त कई बार लोग चपेट में आ जाते हैं। ऐसे में इलाज के लिए वह केजीएमयू रेफर किए जाते हैं। मगर, यहां से उन्हें सिविल अस्पताल भेज दिया जाता है। कारण, 20 करोड़ खर्च करने के बावजूद नवनिर्मित बर्न यूनिट में इलाज ठप है।
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में बर्न यूनिट का निर्माण किया गया है। यहां प्रदेश के सरकारी क्षेत्र में सबसे हाईटेक बर्न यूनिट बनाई गई है। झुलसे मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी से घाव ठीक करने के लिए महंगी मशीन लगाई गई है। वहीं शरीर की विकृति दूर करने के लिए ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं। मगर, ढाई साल से बर्न यूनिट दिखावा बनी हुई है।
60 बेड से घटकर 35 बेड हुए
बर्न यूनिट को पहले 60 बेड का बनाया जाना प्रस्तावित हुआ। वहीं अब 35 बेड की रह गई है। इसमें आठ बेड का आइसीयू है।
कार्यपरिषद में बर्न यूनिट के लिए 12 डॉक्टरों की भर्ती की मंजूरी दी। इसके अलावा 63 नर्स व 83 तृतीय श्रेणी100 के करीब चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांग पर मुहर लगाई। मगर, इन सभी पदों पर भर्ती डंप है। उधर, नई भर्ती डॉक्टर की होने के बजाए विभाग से डॉक्टर कम हो गए।