उत्तर प्रदेशलखनऊ

वाहन की बिक्री पर बीमा पॉलिसी ट्रांसफर के न‍ियमों में बड़ा बदलाव

स्वतंत्रदेश ,लखनऊवाहन की बिक्री पर बीमा पॉलिसी ट्रांसफर करने में अब हड़बड़ी करने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार वाहन स्वामियों को बड़ी राहत देते हुए बीमा ट्रांसफर की अवधि 14 से बढ़ाकर 30 दिन करने जा रही है। कई बार तय अवधि पूरा होने पर लोगों को नए सिरे से बीमा कराना पड़ता था। अब नियमों में संशोधन से माहभर में बीमा पॉलिसी ट्रांसफर कराई जा सकेगी।

लोकसभा में मोटर वाहन अधिनियम 1988 में संशोधन व कुछ प्रविधानों को निरस्त करने के लिए जन विश्वास विधेयक 2025 पेश किया जा चुका है, ताकि आम लोगों की आसानी हो सके। किसी भी वाहन का बीमा, पंजीकरण वैध हो और उस पर कोई चालान बकाया न हो, तभी संबंधित वाहन की बिक्री या नामांतरण होता है, यानी बीमा वाहन रखने की अनिवार्य शर्त में शामिल है।वाहन की बिक्री होने पर बीमा प्रमाणपत्र का अंतरण यानी ट्रांसफर करने में पहले 14 दिन का समय दिया जाता था, सरकार ने यह मियाद कम मानते हुए बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रविधान किया है। इसी तरह से वाहन नष्ट होने या चलने योग्य न होने पर निर्देश है कि वाहन स्वामी 14 दिन में पंजीकरण अधिकारी को सूचित करे, कई बार यह सूचना देने में विलंब होने पर असहज स्थिति उत्पन्न होती थी, ऐसे में सरकार ने इसकी अवधि भी 14 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने जा रही है।

इसके अलावा कैब आन रेंट नियम में मोटरसाइकिल को भी जोड़ा जा रहा है यानी मोटरसाइकिल का भी टैक्सी के रूप में उपयोग किया जाएगा। इसी के तहत उत्तर प्रदेश में बन रही नई एग्रीगेटर पॉलिसी में मोटरसाइकिल को कार्यालय से घर तक चलाने की अनुमति देने का प्रविधान किया जा रहा है।

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