उत्तर प्रदेशराज्य

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कमेटी पर योगी सरकार से हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

स्वतंत्रदेश लखनऊठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सरकार ने गलियारा बनाने के साथ ही मंदिर प्रबंधन के लिए न्यास भी बना दिया है। न्यास का विरोध कर रहे सेवायतों ने इसी बीच आम सभा की बैठक कर अपनी कमेटी बनाई और चार्ज दिलाने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से गुहार लगाई। हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सुनवाई की अगली तिथि 30 जुलाई नियत की गई है।गलियारा और न्यास विवाद के बीच करीब चार माह पहले सेवायत परिवार के प्रणव गोस्वामी व अन्य ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिविल जज जूनियर डिवीजन को प्रतिवादी बनाते हुए याचिका दाखिल की थी। इसमें मांग की थी कि मंदिर कमेटी के चुनाव कराने और चार्ज देने का आदेश सिविल जज को दिया जाए। इसके बाद सेवायतों ने आम सभा और फिर खुद चुनाव कर कमेटी की रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल कर दी। फिर सिविल जज से कमेटी को चार्ज दिलाने की मांग की।हाई कोर्ट की ओर से इस मामले में तैनात न्याय मित्र संजय गोस्वामी ने बताया कि इस बीच सरकार द्वारा दाखिल हलफनामा के आधार पर राज्य सरकार को पार्टी बनाया गया है। सरकार की ओर से कहा गया है, वह तो पहले ही मंदिर प्रबंधन के लिए न्यास का गठन कर चुकी है। इस पर गोस्वामी समाज ने आपत्ति जताई।

कहा कि राज्य सरकार द्वारा पदेन ट्रस्टियों की नियुक्ति की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह गोस्वामियों द्वारा प्रबंधित निजी मंदिर में राज्य सरकार का पिछले दरवाजे से प्रवेश समान होगा। उनके अनुसार, यह राज्य सरकार द्वारा हिंदुओं के अधिकारों का अतिक्रमण है। सरकार बांके बिहारी मंदिर पर नियंत्रण करना चाहती है। यह एक निजी मंदिर है और स्वामी हरिदास जी के अनुयायी और उत्तराधिकारी उक्त मंदिर का प्रबंधन कर रहे हैं। संजय गोस्वामी ने बताया कि हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से पूरे मामले में विस्तार से जवाब मांगा है।

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