उत्तर प्रदेशराज्य

अब रट्टामार पढ़ाई नहीं कराएंगे टीचर,मीटिंग में उठाए कड़े कदम

स्वतंत्रदेश ,लखनऊसीबीएसई ने स्कूलों को महज सिलेबस पूरा कराने की बजाय बच्चों की समझ विकसित करने को कहा है। स्कूलों में शिक्षक तेजी से पढ़ाकर हर महीने के लिए निर्धारित केवल सिलेबस ही पूरा कराने पर जोर देते हैं।

विद्यार्थियों को पढ़ाया हुआ पाठ भी समझ में नहीं आता है। घर पर अभिभावक बच्चों को उन पाठों को रटाने में जुट जाते हैं। स्कूलों में इस वर्ष पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किए जा रहे नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अंतर्गत सीबीएसई ने स्कूलों को बच्चों की समझ के अनुरूप पढ़ाने को कहा है। हर विद्यार्थी को न्यूनतम एक कौशल विषय लेना अनिवार्य है। इस बाबत सीबीएसई ने 34 मोड्यूल जारी किए हैं। हर मोड्यूल 15 घंटे का है। विद्यार्थी अपनी रुचि और क्षमता और स्कूल में विषय की उपलब्धता के अनुरूप एक से अधिक कौशल विषय भी चुन सकेंगे।विद्यार्थियों को पढ़ाया हुआ पाठ भी समझ में नहीं आता है। घर पर अभिभावक बच्चों को उन पाठों को रटाने में जुट जाते हैं। स्कूलों में इस वर्ष पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किए जा रहे नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अंतर्गत सीबीएसई ने स्कूलों को बच्चों की समझ के अनुरूप पढ़ाने को कहा है।

कक्षा तीन, पांच और आठवीं के विद्यार्थियों के लिए चल रहे सफल पायलट प्रोजेक्ट सीबीएसई अकादमिक निदेशक डा. प्रज्ञान सिंह ने बताया कि अभिभावकों को आनलाइन आयोजित सफल कार्यक्रम से डरने की जरूरत नहीं है। सफल के जरिए बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं और आनलाइन आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए छोटी उम्र से ही तैयारी करने की पहल है।

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