उत्तर प्रदेशराज्य

योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, इन दो एक्सप्रेसवे को लिंक करने को दी मंजूरी

स्वतंत्रदेश ,लखनऊयमुना एक्सप्रेस वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे को जोड़ने की बाधा दूर हो गई है। अब इन मार्गों की क्रासिंग पर इंटरचेंज का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा अपनी डिजाइन और विशेषताओं के आधार पर किया जाएगा।

मंगलवार को योगी सरकार की कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। जिसके बाद वर्ष 2023 से लंबित इस योजना के जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इंटरचेंज के बनने के बाद हरियाणा और आगरा के बीच आवागमन में आसानी होगी।

122 करोड़ आंकी गई थी अनुमानित लागत

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने वर्ष 2023 में नोएडा के ग्राम जगनपुर अफजलपुर के पास दोनों एक्सप्रेस वे की क्रासिंग पर इंटरचेंज बनाने की योजना तैयार की थी। तब इसकी लागत 122 करोड़ रुपये अनुमानित थी। बाद में वित्तीय समस्याएं आने से काम रुका हुआ था। इसके चलते एनएचएआइ को निर्माण का जिम्मा सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया गया था।कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद अब इंटरचेंज के निर्माण पर खर्च होने वाली धनराशि एनएचएआइ ही वहन करेगा। निर्माण पूरा होने के बाद उसके रख-रखाव व वहां टोल प्लाजा का निर्माण, संचालन और नियंत्रण भी उसके ही पास रहेगा। हालांकि जिस भूमि पर इंटरचेंज बनाया जा रहा है, उस पर यीडा का ही स्वामित्व बना रहेगा। इस संबंध में भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर कोई भी नीतिगत निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

रोजाना हजारों यात्रियों को मिलेगी सुविधा

दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से रोजाना हजारों यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वर्तमान में हरियाणा से आगरा की ओर जाने वाले वाहन सिरसा पर उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो प्वाइंट से यमुना एक्सप्रेसवे पर जाते हैं। जबकि आगरा की ओर से यमुना एक्सप्रेस वे होकर आने वालों को हरियाणा की ओर जाने के लिए जीरो प्वाइंट से वापस सिरसा लूप से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे पर जाना पड़ता है। इस स्थिति में करीब 20 किमी की यात्रा अतिरिक्त करनी पड़ रही है। इंटरचेंज के निर्माण से ईंधन और समय बचने के साथ जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी।

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