सीएम योगी के खिलाफ बयानबाजी से राजनीतिक हलचल
लोकसभा चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का खेल शुरू हो गया है। सरकार को उसके अपने ही घेर रहे हैं। अचानक शुरू हुईं बयानबाजी से भाजपा नेतृत्व भी आश्चर्य में पड़ गया है।आखिर किसके इशारे पर यह बयानबाजियां शुरू हुई हैं, अब शीर्ष नेतृत्व इसका पता लगाने में जुट गया है। जौनपुर के बदलापुर के विधायक रमेश मिश्रा ने भी इसी कड़ी में बयानबाजी करते हुए राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी थी। हालांकि, बाद में वे अपने ही बयान से पलट गए।
अफसरों के कामकाज पर नाराजगी
पहले बयान में उन्होंने जहां योगी सरकार की कमी निकाली तो दूसरे बयान में कहा कि मोदी-योगी की जोड़ी ही 2027 का विधानसभा चुनाव जीतने जा रही है। वहीं, भाजपा के पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह ने गुरुवार को पट्टी में आयोजित कार्यकर्ता सम्मान समारोह में अपनी ही सरकार में अफसरों के कामकाज पर नाराजगी जताई थी।उन्होंने यहां तक कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में तहसील और थानों में ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा। प्रदेश में सात वर्षों से योगी सरकार है, ऐसे में अचानक शुरू हुई बयानबाजी से सभी आश्चर्य में हैं।